कोलकाता : केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में सुरक्षा को लेकर बढ़ते खतरे की जानकारी मिलने के बाद केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के लिए सुरक्षा व्यवस्था का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब तक अधिकारी को केवल पश्चिम बंगाल में “जेड” श्रेणी की सुरक्षा मिल रही थी। लेकिन अब, केंद्रीय रिपोर्ट में बताए गए खतरे को ध्यान में रखते हुए उन्हें देशभर में कहीं भी यात्रा करने पर “जेड” श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
अब तक, अधिकारी को बंगाल से बाहर “वाई” श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी, जिसमें आठ सुरक्षा कर्मियों का दल होता है, जिसमें एक या दो कमांडो और पुलिसकर्मी शामिल होते हैं। जबकि “जेड” श्रेणी में 22 सुरक्षा कर्मियों का दल होता है, जिसमें चार से छह एनएसजी कमांडो और पुलिसकर्मी होते हैं। साथ ही अधिकारी को एक बुलेट-प्रूफ वाहन भी उपलब्ध कराया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में अधिकारी पर संभावित खतरे और पूरे देश में उनके लिए एक समान सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता पर जोर दिया है। अधिकारी पहले पश्चिम बंगाल कैबिनेट के सदस्य थे, और तब राज्य सरकार द्वारा उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाती थी। लेकिन 2021 विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने पर उन्होंने राज्य सरकार की सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद केंद्र सरकार ने उनकी सुरक्षा का प्रबंध किया।
इस बीच, सोमवार को तृणमूल कांग्रेस ने अधिकारी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए उन पर भड़काऊ और सांप्रदायिक बयान देने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि अधिकारी ने पश्चिम बंगाल में छह विधानसभा सीटों के उपचुनावों के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया है। तृणमूल कांग्रेस ने अपने पत्र में अधिकारी पर पार्टी के राज्यसभा सदस्य समीउल इस्लाम और पड़ोसी देश बांग्लादेश को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।