कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने हावड़ा के देउलिबाजार जंक्शन में सभा करने की अनुमति के लिए कोलकाता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बुधवार को हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की बेंच ने इस पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतिम बार सभा करने की अनुमति दे दी। हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि आगे से किसी भी संकरी सड़क पर सभा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
न्यायमूर्ति घोष ने अपने आदेश में कहा कि हम अंतिम बार सभा की अनुमति दे रहे हैं। इसके बाद, 20 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर सभा की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई घटना होती है, तो पुलिस को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
कोर्ट के आदेश के अनुसार, भाजपा को देउलिबाजार क्षेत्र में सभा करने की अनुमति दी गई है, लेकिन 1500 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक रहेगी। सभा स्थल पर केवल विपक्षी नेता की गाड़ी ही प्रवेश कर सकेगी, जबकि अन्य सभी गाड़ियों को सभा स्थल से दूर रखा जाएगा। लोगों को पैदल चलकर सभा में शामिल होना होगा।
इससे पहले, भाजपा ने श्यामपुर के इस इलाके में सभा करने की अनुमति के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन से संपर्क किया था, लेकिन अनुमति नहीं मिली। इसके बाद, भाजपा ने कोर्ट का रुख किया। सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार ने तर्क दिया कि यह स्थान संकरा है और वहां किसी घटना के होने पर पुलिस के लिए सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना मुश्किल होगा।
भाजपा के वकील ने कोर्ट को भरोसा दिलाते हुए कहा कि सभा पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगी और सुरक्षा को लेकर कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम मुआवजा देने के लिए भी तैयार हैं।
इस पर न्यायमूर्ति घोष ने कहा कि सिर्फ मुआवजा देने की बात से सब कुछ ठीक नहीं हो जाता। अगर कोई अनहोनी हो जाती है या जान-माल का नुकसान होता है, तो मुआवजे का क्या फायदा? इसलिए, भविष्य में संकरी सड़कों पर सभा की अनुमति नहीं दी जाएगी।