कोलकाता : पश्चिम बंगाल में निजी कार मालिकों द्वारा सड़क कर (रोड टैक्स) का भुगतान नहीं करने के कारण राज्य सरकार को लगभग 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य परिवहन मंत्री श्नेहाशीष चक्रवर्ती ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पश्चिम बंगाल में कार खरीदते समय वाहन मालिकों को पहले पांच वर्षों के लिए रोड टैक्स चुकाना होता है। इसके बाद हर पांच साल में यह कर चुकाने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त, मालिकों को 15 वर्षों के लिए एकमुश्त रोड टैक्स भुगतान का विकल्प भी दिया जाता है।
परिवहन मंत्री ने बताया कि लगभग 30 प्रतिशत वाहन मालिक, जिनमें लग्जरी कारों के मालिक भी शामिल हैं, पहले पांच साल के बाद कर का भुगतान नहीं करते। इससे कुल बकाया राशि 80 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। हालांकि, मंत्री ने यह भी कहा कि सभी मामलों में यह जानबूझकर नहीं किया जाता।
चक्रवर्ती ने कहा कि कई बार वाहन मालिक मोबाइल पर भेजे गए संदेशों को नहीं देखते या भुगतान करना भूल जाते हैं। जब ऐसे वाहन सड़क पर जांच के दौरान पकड़े जाते हैं, तो मालिक तुरंत राशि का भुगतान कर देते हैं।
मंत्री ने बताया कि प्रीमियम और लग्जरी कार मालिकों का एक वर्ग भी इस सूची में शामिल है। उन्होंने कहा कि विभाग बकायेदारों को याद दिलाने के लिए एक सरल और प्रभावी तरीका अपनाने पर विचार कर रहा है।
मंत्री ने कार डीलरों से आग्रह किया कि वे खरीदारों को पांच साल की अवधि के बजाय 15 साल के लिए एकमुश्त रोड टैक्स का भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा, “यद्यपि एकमुश्त राशि अधिक होगी, लेकिन इससे बाद में किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सकेगा।”
परिवहन विभाग बकायेदारों से सहयोग की उम्मीद कर रहा है। मंत्री ने बताया कि कई बार बकाया राशि के कारण वाहन को जब्त करना पड़ता है। हालांकि, ऐसी स्थिति में वाहन मालिक को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए दूसरी कार का प्रबंध किया जाता है।
यह समस्या राज्य के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। परिवहन विभाग ने इसे सुलझाने के लिए वाहन मालिकों के साथ संवाद बढ़ाने की योजना बनाई है।