कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले साल की शुरुआत में अपने कैबिनेट में बड़े पैमाने पर फेरबदल करने की तैयारी में हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी और अगले दो-तीन महीनों में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि यह फेरबदल मुख्य रूप से उन विभागों पर केंद्रित होगा जो सीधे जनसेवाओं से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री का उद्देश्य 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए इन विभागों की कार्यक्षमता में सुधार करना है।
फेरबदल के तहत सबसे पहले उन महत्वपूर्ण विभागों को अलग-अलग मंत्रियों को सौंपने पर विचार किया जा रहा है, जो वर्तमान में एक ही मंत्री के पास हैं। इससे कार्यों में अधिक दक्षता आने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, इस स्थिति में कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना बढ़ जाती है।
दूसरे चरण में, मौजूदा मंत्रियों के विभागों में बदलाव किया जा सकता है। कुछ मंत्रियों से उनके विभाग लेकर नए चेहरों को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
तीसरे चरण में, स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत किया जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस फेरबदल पर चर्चा अगस्त 2024 में शुरू की थी। हाल ही में उन्होंने पार्टी, विधानमंडल और प्रशासनिक कार्यों के लिए कुछ वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी तय की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन क्षेत्रों में वह नए चेहरों के बजाय अनुभवी नेताओं को प्राथमिकता देंगी।
मुख्यमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस की युवा और छात्र इकाई की मौजूदा नेतृत्व क्षमता की समीक्षा करने के संकेत भी दिए हैं।
यदि सभी योजनाएं सही दिशा में आगे बढ़ती हैं, तो कैबिनेट में फेरबदल की प्रक्रिया नए साल की शुरुआत में शुरू हो सकती है। इससे राज्य सरकार के जनहितकारी कार्यों में गति लाने और 2026 के चुनावों से पहले जनता के बीच सकारात्मक संदेश पहुंचाने की कोशिश की जाएगी।