बर्दवान : नवान्न उत्सव पूरे दक्षिण बंगाल में रविवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने का यह बड़ा उत्सव है। इस दौरान कृषक धान के नये फसल काट कर नये चावल को प्रसाद रूप मे ग्रहण करते हैं। इस दिन बर्दवान के सर्वमंगला देवी मंदिर में विशेष भोग चढ़ाया जाता है। इस भोग में आलू भाजी, शाक भाजी, बैंगन भाजी, बसंती पुलाव, सफेद चावल, मूंग दाल, दो प्रकार की करी, चटनी, पाई चढ़ाया जाता है और ये सभी ताजा चावल और बाजार में उपलब्ध ताजी सब्जियों से बने होते हैं। इसके साथ गुड़, चावल, मिठाई और फलों से बना नबन्ना प्रसाद दिया जाता है।
मंदिर समिति की ओर से संजय घोष ने बताया कि हर साल स्वयंसेवक मां के मंदिर में भक्तों की सेवा करते हैं। इस बार भी यह किया गया। इतिहास के शोधकर्ता सर्वजीत यश ने बताया कि नवान्न में सर्वमंगला मंदिर काफी प्रसिद्ध है।
सुबह से मंदिर आए श्रद्धालुओं ने कहा कि यहां आने से बेहद अच्छा लगता है। इस मंदिर के आसपास कई कहानियां सुनी जा सकती हैं। राजा तेजचंद्र के शासनकाल के दौरान मंदिर को नष्ट कर दिया गया था। कहा जाता है कि ठाकुर रामकृष्ण स्वयं इस मंदिर में आये थे।
लोक कथा के अनुसार, लगभग 350 साल पहले, मछुआरों को बर्दवान के उत्तरी भाग के बाहिर सर्वमंगला जिले में बगदिरा तालाब में मछली पकड़ने के दौरान एक चट्टान की मूर्ति मिली थी। वे इसे पत्थर का टुकड़ा समझकर उस पर घोंघे और गुगली कुचलते थे। चट्टान की मूर्ति को घोंघे के खोल के साथ जला दिया जाता था। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि उस समय चट्टान की मूर्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ।