कोलकाता : कोलकाता के मेयर और पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री ने हाल ही में कोलकाता के धन-धान्य स्टेडियम में एक कार्यक्रम में कहा था ईश्वर ने चाहा तो बंगाल की अल्पसंख्यक भी एक दिन बहुसंख्यक को जाएंगे। भाजपा और हिंदू संगठनों ने मंत्री के इस बयान की काफी आलोचना की थी।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने तो कोलकाता के मेयर को जिन्ना का वंशज तक बता दिया। अब तृणमूल कांग्रेस ने भी फिरहाद हकीम के बयान से किनारा कर लिया है। सोमवार शाम तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक एक हैंडल पर लिखा गया, “फिरहाद हकीम की टिप्पणी का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी इन टिप्पणियों की कड़ी निंदा करती है। उनकी टिप्पणियों का पार्टी की स्थिति या विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है।”
तृणमूल कांग्रेस ने आगे कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव, एकता और शांति के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता अटूट है। पश्चिम बंगाल में सामाजिक बंधन को ठेस पहुंचाने वाली किसी भी टिप्पणी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। राजनीतिक हलकों के एक वर्ग का कहना है कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी तरह से ऐसी टिप्पणियों को स्वीकार नहीं करती है। वहीं, तृणमूल ने भी विपक्ष के हमले का जवाब देते हुए कहा कि वह इस टिप्पणी से सहमत नहीं है। अब देखना यह है कि सत्ता पक्ष फिरहाद के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है या नहीं।