चुनाव आयोग ने जारी की बंगाल की अंतिम मतदाता सूची, लगभग 7 लाख नाम हटाए गए

कोलकाता : चुनाव आयोग ने सोमवार को बंगाल की अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी। इस सूची में लगभग सात लाख नाम हटा दिए गए हैं, जबकि 10.78 लाख नए मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं। यह सूची एक जनवरी 2025 की जनसंख्या के आधार पर तैयार की गई है।

नई सूची से हटाए गए नामों में से चार लाख से अधिक मतदाता कार्ड निष्क्रिय पाए गए, जिनमें अधिकांश मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है। इसके अलावा, तीन लाख ऐसे मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं जो अन्य राज्यों में चले गए थे। वहीं, नौ हजार से अधिक नामों को दोहराव के कारण हटा दिया गया।

राजनीतिक विवाद और आरोप

इस सूची को लेकर भाजपा ने हाल ही में कई आरोप लगाए थे। पिछले महीने भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर दावा किया कि ड्राफ्ट सूची में 17 लाख से अधिक नाम दो बार दर्ज थे। इनमें 32 हजार 886 मामले ऐसे थे, जहां एक ही पहचान पत्र अलग-अलग स्थानों पर पंजीकृत था। भाजपा ने मृतक मतदाताओं के नाम सूची में शामिल होने का भी आरोप लगाया।

सीमा पार घुसपैठ और फर्जी मतदाता का मुद्दा

बंगाल में सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों के जरिए मतदाता सूची में नाम दर्ज करने के आरोप भी सामने आए हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता फिरहाद हकीम ने कहा कि फर्जी नामों को रोकना और जांच करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है।

बंगाल की अद्यतन मतदाता संख्या

नई सूची के अनुसार, बंगाल में कुल मतदाता 7.63 करोड़ हैं। इनमें शामिल हैं :

पुरुष मतदाता : 3.87 करोड़

महिला मतदाता : 3.76 करोड़

तीसरे लिंग के मतदाता : 1,811

चुनाव आयोग हर साल चार बार मतदाता सूची में संशोधन करता है। अगला संशोधन अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में होगा।

बंगाल के साथ ही दिल्ली की अंतिम मतदाता सूची भी जारी की गई। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, दिल्ली में कुल 1.55 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं।

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