बंगाल सरकार ने तत्काल रिंगर लैकक्टेट सलाइन को हटाने के आदेश दिए

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ‘एक्सपायर’ रिंगर लैक्टेट (आरएल) सलाइन दिए जाने के बाद एक महिला की मौत के मामले ने राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल प्रभाव से सभी अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों में इस सलाइन के उपयोग पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

कोलकाता स्थित केंद्रीय मेडिकल स्टोर्स (सीएमएस) द्वारा मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में सभी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों और जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आपूर्ति किए गए कंपाउंड सोडियम लैक्टेट इंजेक्शन (आरएल) के मौजूदा स्टॉक को तुरंत सील कर सुरक्षित स्थान पर रखा जाए। इसके साथ ही, संबंधित अधिकारियों से जल्द से जल्द अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।

इस मामले को लेकर सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में दो जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दाखिल की गईं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री ममता बनर्जी और राज्य स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।

गत सप्ताह मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पांच गर्भवती महिलाओं को एक्सपायर सलाइन दिए जाने के बाद गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। इनमें से एक महिला, वर्षीय मोमनी रुईदास (25) की शुक्रवार को मौत हो गई। शेष चार महिलाओं का इलाज चल रहा है, जिनमें से तीन को रविवार रात कोलकाता के एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित किया गया।

घटना के बाद यह भी सामने आया है कि जिस फार्मास्युटिकल कंपनी से सलाइन आई थी, उसे पहले कर्नाटक सरकार द्वारा ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है।

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