कोलकाता : बैंक ऑफ इंडिया बर्धमान आंचलिक कार्यालय में विश्व हिन्दी दिवस समाहरोह का आयोजन किया गया। जिसमें सभी स्टाफ सदस्यों ने उत्साहपूर्ण सहभागिता दर्ज़ कराई।
इस अवसर पर आंचलिक प्रबन्धक प्रभात कुमार सिन्हा ने हिन्दी की विशिष्टता पर प्रकाश डालते हुये कहा कि “भारत में विभिन्न भाषाओं में संवाद होता है। इन सभी भाषाओं की अपनी एक यात्रा रही है और ऐसी ही एक यात्रा हमारी राजभाषा हिन्दी की भी रही है जो वेद, पुराणो से होकर आधुनिक समय में काफी लोकप्रिय हुई। इसने भारतीय समाज की संपर्क भाषा से वैदिक संस्कृति से होते हुए आधुनिक हिन्दी का स्वरूप ग्रहण किया है।
आजकल कार्यालयों में भी हिन्दी में अधिक से अधिक कार्य करने का प्रतिशत बढ़ रहा है और ऐसा तब होता है जब समाज निरंतर अपने विकास के साथ-साथ भाषाओं का भी विकास करता है और हम सभी उसी समाज का हिस्सा है, जहां भाषा के माध्यम से हम अपने भावों को अभिव्यक्त कर पाते हैं और भावों की उत्तम अभिव्यक्ति के लिए हिन्दी से अधिक समर्थ भाषा कोई नहीं है।
इसीलिए मेरा आप सभी से अनुरोध है कि जितना अधिक से अधिक हो सके हिन्दी का प्रयोग व प्रचार-प्रसार करें। इससे न केवल हमारे समाज का बल्कि राष्ट्र का विकास होगा। निरंतर परिवर्तनों की धार पर चलकर हिन्दी अपने अनेक रूपों के साथ समाज के सम्मुख उपस्थित है और हमारा यह दायित्व है कि हिन्दी के प्रचार –प्रसार द्वारा उसकी स्थिति को और सुदृढ़ करें। इसी के साथ अपनी बात समाप्त करते हुए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूँ कि आप सबने इतनी तल्लीनता से मुझे सुना। आशा है कि हमारे कार्यालय द्वारा भविष्य में भी हिन्दी से जुड़े ऐसे आयोजन होते रहे जिसके माध्यम से हिन्दी के विकास में अपनी सहभागिता दर्ज़ करते रहें।”