जादवपुर विश्वविद्यालय मामला : एसएफआई की हड़ताल के दौरान वामपंथी और टीएमसीपी कार्यकर्ताओं में झड़प, शिक्षा मंत्री के…

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सोमवार को वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई द्वारा विश्वविद्यालय परिसरों में बुलाए गए हड़ताल के दौरान विभिन्न स्थानों पर वामपंथी छात्र संगठनों और तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हुईं। एसएफआई ने यह हड़ताल राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के इस्तीफे की मांग को लेकर आयोजित की थी।

जानकारी के अनुसार, पश्चिम मेदिनीपुर जिले के मेदिनीपुर, दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी, कूचबिहार और पूर्व मेदिनीपुर के पांशकुड़ा में टीएमसीपी और वामपंथी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पें हुईं। वहीं, कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय और प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के परिसरों में सन्नाटा पसरा रहा। यहां आम छात्र, शिक्षक और अन्य कर्मचारी उपस्थित नहीं हुए, जबकि एसएफआई कार्यकर्ता हड़ताल को सफल बनाने के लिए मौजूद रहे।

कलकत्ता विश्वविद्यालय, रवींद्र भारती विश्वविद्यालय, नॉर्थ बंगाल विश्वविद्यालय और बर्दवान विश्वविद्यालय जैसे अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों पर भी हड़ताल का आंशिक असर देखने को मिला। यहां कुछ कक्षाएं रद्द रहीं, हालांकि सेमेस्टर परीक्षाएं निर्धारित समय पर आयोजित की गईं।

एसएफआई कार्यकर्ताओं ने हड़ताल के बावजूद राज्यभर में यातायात को बाधित नहीं किया, जिससे परीक्षार्थी आसानी से अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंच सके। सोमवार से ही राज्य में उच्च माध्यमिक परीक्षाएं भी शुरू हुईं।

उल्लेखनीय है कि एक मार्च को जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर में उस समय हंगामा हो गया था, जब शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु परिसर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान वामपंथी छात्रों ने छात्र संघ चुनावों पर चर्चा की मांग को लेकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। इसी दौरान बसु के काफिले की एक कार से दो छात्र घायल हो गए थे, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई गई थी। इस दौरान मंत्री की गाड़ी पर भी पथराव किया गया, जिसमें बसु को भी हल्की चोटें आई थीं।

एसएफआई के राज्य समिति सदस्य शुभजीत सरकार ने आरोप लगाया कि जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित डब्ल्यूबीसीयूपीए की वार्षिक आम बैठक के दौरान तृणमूल द्वारा समर्थित बाहरी लोगों ने हिंसा और तोड़फोड़ को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि छात्र केवल मंत्री से कुलपति की मौजूदगी में चर्चा करना चाहते थे, लेकिन मंत्री ने उनके साथ कठोर व्यवहार किया और बिना बातचीत के वहां से निकलने लगे।

सरकार ने आरोप लगाया कि मंत्री के साथ मौजूद तृणमूल समर्थक बाहरी लोगों और गुंडों ने माहौल बिगाड़ा। मंत्री की गाड़ी के चालक ने लापरवाही से वाहन चलाते हुए छात्रों को घायल कर दिया और बसु बिना रुके मौके से चले गए। हम मांग करते हैं कि ब्रात्य बसु को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो।

वहीं, एसएफआई ने यह भी कहा है कि उच्च माध्यमिक परीक्षाओं के दौरान वे परीक्षार्थियों की सहायता के लिए परीक्षा केंद्रों के पास सहायता शिविर लगाएंगे ताकि किसी भी परीक्षार्थी को कोई परेशानी न हो।

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