कोलकाता: चैत्र नवरात्रि के रामनवमी में कन्या पूजन करने से देवी दुर्गा की विशेष कृपा होती है और घर सुख,शांति,समृद्धि और धन संपत्ति का वास रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुंवारी कन्याओं में देवी दुर्गा का वास रहता है। दक्षिणेश्वर रामकृष्ण संघ (आद्यापीठ) में रामनवमी पर दो हजार कुंवारी कन्याएं पूजी गईं।
आद्यापीठ के संस्थापक स्वामी श्री अन्नदा ठाकुर ने 1915 में सिर्फ 28 कुंवारी कन्याओं को लेकर पूजने की परम्परा शुरु की थी जो कि एजे यह संख्या बढ़कर दो हजार हो गई है। मां आद्या के दरबार में एक तरफ देवी दुर्गा की आराधना हो रही थी वहीं दूसरी ओर कुंवारी कन्याओं को पूजा जा रहा था।
आद्यापीठ के ट्रस्टी व महासचिव ब्रह्मचारी मुराल भाई के मंत्रोच्चारण के बीच कुंवारी कन्याओं की पूजन और भव्यता देखकर लोग भक्ति में डूब गए। ब्रह्मचारी मुराल भाई ने बताया कि अन्नदा ठाकुर ने जब 28 कन्याओं को पूजने के दौरान भोजन की 28 थालियां परोसी थी तो पूजन के बाद थालियों की संख्या बढ़कर 29 हो गई थी।
बाद में स्वामी के सपने में मां आद्या आकर बोली कि 29वीं थाली मैं खाई हूं। हर साल वो कुंवारी पूजन में किसी न किसी कन्या के वेश में आद्यापीठ में जरूर आएगी। तभी से आद्यापीठ में रामनवमी में कन्या पूजन की परम्परा शुरु हुई।