कोलकाता : पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले में नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों ने शुक्रवार को अपना आंदोलन स्थल बदलने की घोषणा की है। अब ये शिक्षक एस्प्लानेड स्थित ‘वाई-चैनल’ पर प्रदर्शन करेंगे, जो कि कोलकाता का प्रमुख धरना स्थल माना जाता है।
हालांकि, ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के गैर-शिक्षण कर्मचारी फिलहाल डब्ल्यूबीएसएससी कार्यालय के सामने ही अपना विरोध जारी रखेंगे।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वे आने वाले दो दिनों तक धरना देंगे और आयोग से कोई ठोस व पारदर्शी प्रस्ताव आने का इंतजार करेंगे। यदि आयोग ऐसा करने में असफल रहता है, तो वे ‘विकास भवन’—जो कि राज्य शिक्षा विभाग का मुख्यालय है— तक विरोध मार्च निकालेंगे।
ये धरना 21 अप्रैल से शुरू हुआ है। इसका कारण यह है कि राज्य शिक्षा विभाग और आयोग ने पहले वादा किया था कि वे “सही” और “घोटालेबाज” उम्मीदवारों की सूची अलग-अलग जारी करेंगे, लेकिन अब तक ऐसा नहीं किया गया।
राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने इस मुद्दे पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह की किसी सूची के प्रकाशन का आदेश नहीं दिया है। वहीं आयोग ने गुपचुप तरीके से “सही” उम्मीदवारों की सूची ज़िला स्कूल निरीक्षकों को भेज दी है। रिपोर्ट के अनुसार यह सूची 15 हजार 403 उम्मीदवारों की है, हालांकि इसे आधिकारिक रूप से घोषित नहीं किया गया है।
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें 2016 की 25 हजार 753 शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों की पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया था। अदालत ने कहा था कि राज्य सरकार और आयोग असली और फर्जी उम्मीदवारों को अलग करने में असफल रहे, और पैसों के बल पर नौकरी पाने वालों की वजह से पूरी प्रक्रिया को रद्द करना पड़ा।