राज्य सरकार के बुलावे पर पत्नी के साथ दीघा पहुंचे दिलीप घोष

कोलकाता : अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दीघा में भव्य जगन्नाथधाम मंदिर का उद्घाटन किया। इस सरकारी समारोह में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पत्नी सहित शामिल हुए। वहीं, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के कांथी में आयोजित ‘सनातनी समावेश’ कार्यक्रम में दिलीप घोष ने यह कहते हुए हिस्सा नहीं लिया कि उन्हें वहां से कोई निमंत्रण नहीं मिला।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार दोपहर लगभग 3:15 बजे जगन्नाथधाम मंदिर का उद्घाटन किया। उसी दिन शाम करीब 5:30 बजे दिलीप घोष मंदिर पहुंचे। दिलीप घोष का यह दौरा ऐसे समय में हुआ जब शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार के कार्यक्रम के समानांतर कांथी में ‘सनातनी समावेश’ आयोजित किया था। यह आयोजन पहले प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के चलते अदालत की अनुमति लेकर किया गया।

दिलीप घोष ने मंगलवार रात को ही संकेत दे दिया था कि अगर समय मिला तो वे दीघा जाएंगे। उस दिन वे पहले हावड़ा के श्यामपुर में एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव का पत्र मिला है। अगर श्यामपुर का कार्यक्रम समय से पूरा हो गया, तो जाऊंगा।

बुधवार को श्यामपुर से निकलने के बाद उन्होंने दीघा का रुख किया। रास्ते में जब कांथी का माइलस्टोन सामने आया, तब यह चर्चा तेज हो गई कि वे शुभेंदु के कार्यक्रम में रुकेंगे या नहीं। लेकिन उनका काफिला बिना रुके सीधा दीघा पहुंच गया।

इस पर दिलीप घोष ने कहा कि मुझे कांथी में किसी ने आमंत्रित नहीं किया था। दीघा और श्यामपुर में बुलावा मिला, इसलिए वहां गया। अक्षय तृतीया के दिन कई धार्मिक कार्यक्रम होते हैं, सभी में तो नहीं जा सकते।

उन्होंने यह भी कहा कि अक्षय तृतीया एक पवित्र दिन है। इस दिन हम पूजा-पाठ और धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। ऐसे दिन जब मुझे बुलावा मिला है और भगवान जगन्नाथ का मंदिर उद्घाटित हो रहा है, तो मैं क्यों न जाऊं?

अपने चिर-परिचित व्यंग्यात्मक अंदाज़ में दिलीप घोष ने कहा कि भगवान मुझसे मिलने 350 किलोमीटर चले आए हैं, क्या मैं 200 किलोमीटर नहीं जा सकता?

दिलीप घोष ने बताया कि वे दीघा में रुकेंगे या नहीं, यह मंदिर में दर्शन करने के बाद तय करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जब वे दीघा पहुंच रहे थे, तब कई अतिथि पहले ही वहां से लौट चुके थे और मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से वापस चली गई थीं।

दीघा के जगन्नाथधाम को राज्य सरकार ने एक भव्य धार्मिक-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया है। बुधवार को सुबह से हवन-यज्ञ और मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूरे विधि-विधान से मंदिर का उद्घाटन किया गया। मुख्यमंत्री ने स्वयं पूजा-अर्चना की और आरती भी की।

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