ममता बनर्जी की सरकार में हिंदुओं की सुरक्षा संभव नहीं : शुभेन्दु अधिकारी

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि राज्य में हिंदू समुदाय की सुरक्षा मौजूदा शासन के तहत संभव नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद ज़िले से सुनियोजित तरीके से हिंदुओं को भयभीत कर पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है और राज्य सरकार इस षड्यंत्र को रोकने में पूरी तरह विफल रही है।

अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार से दो दिवसीय दौरे पर मुर्शिदाबाद में हैं, लेकिन उन्होंने उन 900 हिंदू पीड़ितों के घरों का दौरा नहीं किया, जो 11 और 12 अप्रैल को सुत्ती, शमशेरगंज, धूलियान और जंगीपुर में ‘जिहादी’ हिंसा का शिकार हुए। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने हिम्मत नहीं दिखाई, क्योंकि अगर वह उन इलाकों में जातीं तो उन्हें काले झंडे दिखाए जाते।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार द्वारा मुआवजा जिन 250 परिवारों को दिया गया, उनमें से 40 लोग फर्जी दंगा पीड़ित हैं और सभी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। जबकि जिन परिवारों के सदस्य दंगे में मारे गए, उन्होंने सरकारी सहायता ठुकराकर भाजपा से मिली मामूली मदद को स्वीकार किया।

बीएसएफ को जिम्मेदार ठहराने पर उठाए सवाल

अधिकारी ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने बाहरी तत्वों की घुसपैठ के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को दोषी ठहराया, जबकि सच्चाई यह है कि बीएसएफ के न होने पर पुलिस कर्मियों की जान पर बन आती। उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल को पुलिस कर्मी दुकानों के शटर के पीछे छिपे थे और स्थिति को बीएसएफ ने नियंत्रित किया।

भाजपा नेता ने हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास की हत्या की केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग दोहराते हुए कहा कि पीड़ित परिजनों ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। उन्होंने दावा किया कि अदालत के निर्देशानुसार 15 मई तक प्रभावित इलाकों में केंद्रीय बल तैनात रहेंगे, लेकिन उसके बाद भी सतर्कता बनाए रखना ज़रूरी होगा।

राज्य मानवाधिकार आयोग को बताया ‘सरकारी कठपुतली’

कोलकाता में पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग (डब्ल्यूबीएचआरसी) के कार्यालय के सामने आयोजित एक सभा में अधिकारी ने आयोग को “ममता सरकार की कठपुतली” बताते हुए कहा कि जब भाजपा सत्ता में आएगी, तब यही आयोग स्वतंत्र संस्था के रूप में कार्य करेगा। सभा में दंगा पीड़ित कई परिवार भी मौजूद थे।

अधिकारी ने हिंदू समुदाय से जाति और राजनीति से ऊपर उठकर संगठित होने की अपील करते हुए कहा, “अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर अपने धर्म और अस्तित्व की रक्षा के लिए एकजुट हों।”

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