भारत का कूटनीतिक संवाद आरंभ, दो प्रतिनिधिमंडल जापान और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर

नयी दिल्ली  : भारत ने वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के विरुद्ध अपने प्रयासों और “ऑपरेशन सिंदूर” के संदेश को साझा करने हेतु कूटनीतिक संवाद की शुरुआत की है। दो प्रतिनिधिमंडल क्रमशः जापान और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर हैं। यह संवाद भारत के विदेश नीति एजेंडे के तहत अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में जापान गए सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने टोक्यो में जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया से भेंट की। इस दौरान “ऑपरेशन सिंदूर” और आतंकवाद के विरुद्ध भारत के रुख को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया गया। इससे पहले जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने प्रतिनिधिमंडल को जापान से जुड़े कूटनीतिक दृष्टिकोणों की जानकारी दी। इस ब्रीफिंग का उद्देश्य भारत के “आतंकवाद विरोधी अभियान” को जापान के परिप्रेक्ष्य में प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करना रहा।

प्रतिनिधिमंडल में कई प्रमुख नेता शामिल हैं। भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी, माकपा सांसद जॉन ब्रिटास, भाजपा सांसद ब्रजलाल, भाजपा सांसद प्रदान बरुआ, भाजपा सांसद हेमांग जोशी, सांसद सलमान खुर्शीद और राजनयिक मोहन कुमार शामिल रहे। यह टीम पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के पांच प्रमुख देशों जापान (22 मई), दक्षिण कोरिया (24 मई), सिंगापुर (27 मई), इंडोनेशिया (28 मई) और मलेशिया (31 मई) का दौरा करेगी।

दूसरा प्रतिनिधिमंडल शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में देर रात अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल में भारतीय जनता पार्टी की सांसद बंसुरी स्वराज, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद ईटी मोहम्मद बशीर, भाजपा सांसद अतुल गर्ग, बीजद सांसद सस्मित पात्रा, भाजपा के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा, भाजपा नेता एसएस अहलूवालिया और राजनयिक सुजन चिनॉय शामिल हैं।

अबू धाबी में “फेडरल नेशनल काउंसिल” के सदस्य अहमद मीर खोओरी और भारत के राजदूत संजय सुधीर ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया।

प्रतिनिधिमंडल संयुक्त अरब अमीरात के अतिरिक्त लाइबेरिया, “डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो” और “सिएरा लियोन” की भी यात्रा करेगा। यह प्रयास भारत की वैश्विक स्तर पर “रणनीतिक सहभागिता” को सशक्त करने का संकेत है।

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