बाल-बाल बचे सौरव गांगुली के भाई स्नेहाशीष और उनकी पत्नी, पुरी में नाव पलटने से मची अफरातफरी

कोलकाता : पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के बड़े भाई और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) के अध्यक्ष स्नेहाशीष गांगुली और उनकी पत्नी अर्पिता ओडिशा के पुरी में सोमवार को एक गंभीर नाव दुर्घटना का शिकार होने से बाल-बाल बच गए। छुट्टियां मनाने पुरी पहुंचे दंपती जिस नौका में सवार थे, वह समुद्र में असंतुलन के कारण पलट गई, लेकिन राहत की बात यह रही कि दोनों को समय रहते सुरक्षित निकाल लिया गया।

दुर्घटना के बाद स्नेहाशीष से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। हालांकि उनके करीबी सहयोगी संजय दास ने पुष्टि करते हुए हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि ऐसी एक घटना घटी है, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें नौका पलटने के बाद तटीय रक्षक (लाइफगॉर्ड) तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू करते दिखाई दे रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक नाव में सवार सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

इस घटना के लिए सीएबी अध्यक्ष की पत्नी अर्पिता ने नाव संचालकों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया कि समुद्र काफी अशांत था और नाव में अधिकतम 10 लोग बैठ सकते थे। फिर भी संचालकों ने लालच में आकर क्षमता से अधिक सवारियां बैठाईं। हम जिस नाव में सवार थे, वह दिन की अंतिम नाव थी। हमने पहले ही पूछा था कि क्या ऐसे मौसम में समुद्र में जाना सुरक्षित है तो उन्होंने कहा कोई दिक्कत नहीं होगी।

अर्पिता ने बताया कि समुद्र में आगे बढ़ते ही लहरों के तेज झटकों से नाव पलट गई। अगर लाइफगॉर्ड समय पर नहीं पहुंचते तो हम शायद नहीं बचते। यह मेरे जीवन की सबसे भयावह घटना थी। यदि नाव में ज़्यादा लोग नहीं होते तो शायद यह दुर्घटना टल सकती थी। उन्होंने इस घटना को लेकर जांच की मांग की है और पुरी समुद्र तट पर ऐसे जलक्रीड़ा गतिविधियों को बंद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पुरी का समुद्र बेहद खतरनाक है। यहां ऐसी गतिविधियां बंद कर देनी चाहिए। मैं कोलकाता लौटकर पुलिस अधीक्षक और मुख्यमंत्री (ओडिशा के) को पत्र लिखूंगी और अनुरोध करूंगी कि पुरी के समुद्र में इस तरह की जलक्रीड़ा पर रोक लगाई जाए।

गौरतलब है कि स्नेहाशीष गांगुली बंगाल प्रो टी-20 लीग और सीएबी के आगामी चुनावों को लेकर व्यस्त हैं। इन सबके बीच वह अपनी पत्नी के साथ थोड़ी राहत के लिए पुरी आए थे। लेकिन यह यात्रा उनके जीवन की एक डरावनी याद बन गई, जिसे वे शायद कभी नहीं भूल पाएंगे।

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