कोलकाता : चिप्स चोरी के झूठे आरोपों के चलते आत्महत्या करने वाले छात्र के मामले में पूर्व मेदिनीपुर जिला पुलिस अधीक्षक सौम्यदीप भट्टाचार्य ने आरोपित सिविक वॉलंटियर शुभंकर दीक्षित को तत्काल प्रभाव से सेवा से मुक्त कर दिया है। इस मामले में आरोपित के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने के बाद यह कार्रवाई की गई।
घटना 18 मई की है, जब एक नाबालिग छात्र ने शुभंकर दीक्षित की दुकान के सामने से ज़मीन पर पड़े तीन पैकेट चिप्स उठा लिए थे। बताया जा रहा है कि दुकान में कोई मौजूद नहीं था। इसके बाद शुभंकर ने छात्र को पकड़ लिया और उससे पैसे लिए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस घटना को देखकर श्यामचरण भुइंया नामक एक व्यक्ति ने नाबालिग को उकसाना शुरू किया।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि छात्र की मां ने बाद में अपने बेटे को शुभंकर की दुकान के सामने ले जाकर पीटा। इससे मानसिक रूप से टूट चुके छात्र ने घर लौटकर ज़हर पी लिया। 22 मई को उसकी मौत तमलुक अस्पताल में हो गई।
घटना के बाद आक्रोशित भीड़ ने शुभंकर के घर पर हमला किया। श्यामचरण और शुभंकर दोनों फरार हो गए। छात्र की मां ने पांशकुड़ा थाने में शुभंकर और उनके परिवार के चार अन्य सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया है।
पुलिस अधीक्षक सौम्यदीप भट्टाचार्य ने कहा, “जब किसी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होता है, तो उस स्थिति में उसे सेवा से मुक्त कर दिया जाता है। इसलिए शुभंकर दीक्षित को डिमोबिलाइज़ किया गया है।”
आज, बुधवार को भाजपा विधायकों की एक टीम मृतक छात्र के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंची है। मृतक के एक रिश्तेदार ने कहा, “हम चाहते हैं कि पुलिस जल्द से जल्द शुभंकर को गिरफ्तार करे।”