सरकारी नौकरी में पक्षपात का आरोप, तृणमूल नेता की बेटी की नियुक्ति पर उठा विवाद

मालदा : पश्चिम बंगाल में सरकारी नियुक्तियों को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है । इस बार मामला तृणमूल कांग्रेस के मालदा जिला अध्यक्ष अब्दुर रहीम बख्शी की बेटी की सरकारी नौकरी से जुड़ा है। आरोप है कि राज्य की सिंचाई और जनपथ विकास विभाग में ,बख्शी की बेटी आसिफा शबनम को ‘विशेष प्रभाव’ के तहत नौकरी दी गई है ।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अभी 26 हजार शिक्षकों की भर्तियां रद्द कर दी गई थी जिसके खिलाफ आज भी शिक्षक रास्ते पर हैं, वहीं भाजपा ने इस नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस के प्रति हमला बोला है । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर शनिवार को इस मुद्दे को उठाते हुए लिखा है, “जब राज्य के लाखों योग्य और प्रतिभाशाली बेरोजगार युवा नौकरी की मांग को लेकर सड़क पर रातें गुजारने को मजबूर है तब तृणमूल नेता की बेटी को चुपचाप नियुक्त कर देना सरकार की दोहरी नीति को उजागर करता है क्या यही है ममता सरकार का पारदर्शी शासन”। मजूमदार ने यह भी आरोप लगाया है कि यह नियुक्ति राज्य की सिंचाई और जनपथ विभाग की राज्य मंत्री सबीना यास्मीन के प्रभाव से हुई है। उन्होंने सरकार से जवाबदेही की मांग करते हुए सवाल उठाया है कि युवाओं के साथ इस तरह का अन्याय कब तक जारी रहेगा।

इस आरोप पर तृणमूल मंत्री सबीना यास्मीन ने तीखे शब्दों में प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, “मैं किसे नौकरी दूंगी, ये मेरा और पार्टी का विषय है। यदि सुकांत मजूमदार को इतनी ही आपत्ति है तो अपने बेटे का नाम भी भेजे उस पर विचार कर लूंगी।” वहीं मामले के गंभीरता को देखते हुए तृणमूल नेता अब्दुर रहीम बख्शी ने खुद को इस विवाद से अलग बताते हुए कहा है कि उनकी बेटी शादीशुदा है और वह कहीं और रहती है। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी को नौकरी कैसे मिली इसकी मुझे जानकारी नहीं है इस बारे में वही अधिक स्पष्टता से बता सकती है।”

राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप के बीच राज्य में सरकारी भर्तियों के मामले में पारदर्शिता को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं, खासकर तब जब युवाओं में बेरोजगारी को लेकर असंतोष पहले से ही चरम पर है और जहां एक नही कई नौकरियां दांव पर लगी हुई है।

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