कोलकाता : बोलपुर थाने के पूर्व आईसी लिटन हालदार और तृणमूल नेता अनुव्रत मंडल के बीच वायरल हुए आपत्तिजनक ऑडियो क्लिप को लेकर पश्चिम बंगाल की सियासत में खलबली मची हुई है। इसी विवाद से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में बुधवार को तृणमूल छात्र परिषद के निलंबित बीरभूम जिलाध्यक्ष विक्रमजीत साव ने सिउड़ी थाने में उपस्थित होकर अपनी हाज़िरी दर्ज करवाई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, उन्हें सुबह 10:00 बजे थाना में हाज़िर होने का नोटिस दिया गया था, लेकिन वे निर्धारित समय से पहले ही, सुबह 6:00 से 6:30 बजे के बीच थाना पहुंच गए। करीब एक घंटे तक उनसे पूछताछ चली। पूछताछ का विषय मुख्य रूप से उस बयान से जुड़ा था, जिसमें उन्होंने अनुव्रत मंडल के समर्थन में पुलिस के खिलाफ तीखे आरोप लगाए थे।
गौरतलब है कि यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब बोलपुर थाना के तत्कालीन आईसी लिटन हालदार और तृणमूल नेता अनुव्रत मंडल के बीच की कथित आपत्तिजनक बातचीत का ऑडियो सार्वजनिक हो गया। इसके बाद पार्टी की मुश्किलें बढ़ गईं और विपक्ष को हमला बोलने का मौका मिल गया।
इसी संदर्भ में विक्रमजीत साउ ने सोशल मीडिया पर लिटन हालदार को सीधे तौर पर चुनौती देते हुए लिखा था— “लिटन हालदार नाम लेकल बोल रहा हूं, अगर दम है तो अनुव्रत मंडल और तृणमूल छात्र परिषद के नाम पर एफआईआर कर के दिखाओ। तुम खुद जानते हो कि तुम भ्रष्ट हो। मेरे पास सारे सबूत हैं। अगर तुम पेड़ों की डालियों पर चलते हो, तो हम नस-नाड़ियों में चलते हैं।”
इस विवादित टिप्पणी के सार्वजनिक होने के बाद पार्टी ने कड़ा कदम उठाते हुए विक्रमजीत को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था। उसी दौरान पुलिस ने उन्हें नोटिस थमाया और बुधवार को पूछताछ के लिए थाना में बुलाया।
हालांकि, सिउड़ी थाना की ओर से अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। मगर ऑडियो कांड और सोशल मीडिया पर दी गई धमकी जैसी टिप्पणियों के चलते मामला बेहद संवेदनशील बना हुआ है, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में लगातार चर्चाएं जारी हैं।