कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी कर सियासी हलकों में हलचल मचा दी। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान जैसे “बड़े देश” के डर से भारतीय सेना को कार्रवाई से रोक दिया था। इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और हकीम की तुलना ‘पाकिस्तानी नेता’ से कर डाली।
फिरहाद हकीम ने एक पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई को एक बड़े देश के डर से रोक दिया। ये कायरता है। प्रधानमंत्री किस बात का श्रेय ले रहे हैं? उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में क्या बड़ा किया?”
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस बयान का वीडियो साझा करते हुए एक्स पर लिखा, “कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम को ध्यान से सुनिए — यही वही व्यक्ति हैं जिन्होंने कभी कोलकाता के कुछ हिस्सों को ‘मिनी पाकिस्तान’ कहा था और भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के ख्वाब देखे थे।”
मालवीय ने आगे लिखा, “अब अपनी नेता ममता बनर्जी के निर्देश पर वे प्रधानमंत्री मोदी पर शर्मनाक हमला कर रहे हैं। उन्होंने बेहिचक कहा कि पाकिस्तान को जवाब देने में प्रधानमंत्री मोदी की कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने एक कदम और आगे बढ़कर प्रधानमंत्री को ‘कायर’ तक कह दिया, क्योंकि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को आगे नहीं बढ़ाया।”
मालवीय ने आरोप लगाया कि हकीम का यह बयान “भारतीय नेता का नहीं, बल्कि किसी पाकिस्तानी राजनेता का सा लगता है, जो भारतीय सरकार और नेतृत्व को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा हो। यह बयान उस मानसिकता को उजागर करता है जो राष्ट्रीय हित से ऊपर पार्टी की नफरत को रखती है। लेकिन देश की जनता सब देख रही है।”
सात मई को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई शुरू की थी। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए ‘मध्यस्थता’ के दावों में कोई सच्चाई नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम एक द्विपक्षीय समझौते का नतीजा था, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।