West Bengal : डीए भुगतान मामला : 27 जून तक राशि नहीं मिली तो सड़कों पर उतरेंगे सरकारी कर्मचारी

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार पर इन दिनों महंगाई भत्ता विवाद को लेकर दबाव बढ़ता ही जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद अब तक राज्य सरकार ने कर्मचारियों के बकाया डीए भुगतान पर कोई आधिकारिक कदम नहीं उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने 16 मई को दिए अपने निर्देश में कहा था कि छह सप्ताह के भीतर राज्य सरकार को कर्मचारियों के बकाया डीए का 25% भुगतान करना होगा जिसकी समय सीमा 27 जून को समाप्त हो रही है।

गौरतलब है कि इस निर्देश के बावजूद राज्य सरकार की ओर से अब तक कोई सार्वजनिक बयान या दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है। इससे नाराज होकर राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं।

राज्य के प्रमुख कर्मचारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर 27 जून तक डीए का बकाया भुगतान नहीं होता है, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। ‘संघर्षशील संयुक्त मंच’ ने घोषणा की है कि वे अदालत द्वारा निर्धारित समय सीमा तक प्रतीक्षा करेंगे, लेकिन यदि सरकार ने आदेश की अनदेखी की, तो वे ‘नवान्न अभियान’ की शुरुआत करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल सरकार को अप्रैल 2008 से दिसंबर 2019 तक की अवधि के लिए बकाया डीए का निपटारा करना है। इस आदेश से लगभग 8 लाख कर्मचारी और पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। यह मुद्दा राज्य सरकार के लिए न केवल आर्थिक चुनौती बन गया है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी बेहद संवेदनशील होता जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि सरकार आंतरिक स्तर पर डीए भुगतान की प्रक्रिया को लेकर तैयारी कर रही है, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कोर्ट में लंबित मामलों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई अगस्त 2025 में तय की है। लेकिन उससे पहले 27 जून की तारीख राज्य सरकार और कर्मचारियों के बीच टकराव का केंद्र बिंदु बन सकती है। यदि इस दिन तक भुगतान नहीं हुआ, तो राज्यव्यापी आंदोलन सरकारी कर्मचारियों द्वारा हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *