पश्चिम बंगाल जिहादियों का वैश्विक आपूर्तिकर्ता बन रहा है : अमित मालवीय

कोलकाता : भाजपा नेता अमित मालवीय ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल तेजी से ‘जिहादियों का वैश्विक आपूर्तिकर्ता’ बनता जा रहा है। उन्होंने मंगलवार को अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर एक बयान जारी करते हुए यह आरोप लगाया।

अमित मालवीय ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि दक्षिण 24 परगना जिले के गोसाबा ब्लॉक के पथनखाली क्षेत्र में बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों का रैकेट चलाया गया। इसमें पंचायत प्रमुख की पहचान का इस्तेमाल कर गौतम सरदार नामक एक संविदा कर्मचारी ने वर्ष 2021 से 2025 के बीच चार हजार से अधिक फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी किए।

मालवीय के अनुसार, इन प्रमाणपत्रों को बांग्लादेश से आए जिहादियों को बेचा गया, जिससे उन्हें भारतीय नागरिकता की वैधता मिल गई और वे भारतीय पासपोर्ट प्राप्त कर इटली, थाईलैंड और यूएई जैसे देशों में आसानी से प्रवास कर सके।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह कोई एकमात्र मामला नहीं है, बल्कि राज्य के कई पंचायत कार्यालयों के माध्यम से इसी तरह के फर्जी प्रमाणपत्र तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने चेताया, “सोचिए, यदि यह काम पूरे बंगाल में हो रहा है तो इसका पैमाना कितना बड़ा हो सकता है। ममता बनर्जी की सरकार में न तो रोजगार है और न ही सुशासन, इसलिए अवैध घुसपैठियों के दम पर एक भ्रष्ट साम्राज्य खड़ा किया जा रहा है।”

जांच एजेंसियों को इस फर्जीवाड़े की कड़ी पहली बार तब मिली जब इस वर्ष राज्य में चल रहे करोड़ों रुपये के फर्जी पासपोर्ट रैकेट की जांच के दौरान उन्हें फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों के माध्यम से तैयार किए गए अन्य दस्तावेजों की जानकारी मिली। जांच में पाया गया कि बांग्लादेश से अवैध रूप से आए लोगों को पहले सीमावर्ती गांवों में सुरक्षित आश्रय दिया जाता है, फिर एजेंट्स उनके लिए फर्जी राशन कार्ड और जन्म प्रमाणपत्र बनवाते हैं। इसके बाद इन्हीं के आधार पर वोटर आईडी, पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज तैयार किए जाते हैं। अंत में इन्हीं फर्जी पहचान पत्रों की मदद से पासपोर्ट बनवाए जाते हैं।

मालवीय ने कहा कि यह केवल भ्रष्टाचार या प्रशासनिक चूक का मामला नहीं है, बल्कि यह ‘राष्ट्रद्रोह की संस्थागत व्यवस्था’ है।

इस पूरे मामले को लेकर अब राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि, इस पर अब तक तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

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