कसबा सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच में एसआईटी का विस्तार, घटनास्थल पर पहुंचा राष्ट्रीय महिला आयोग

कोलकाता : कसबा गैंगरेप कांड की जांच कर रही कोलकाता पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम में अब सदस्यों की संख्या बढ़ा दी गई है। पहले इस टीम में कुल पांच अधिकारी शामिल थे, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए अब चार और अधिकारियों को इस टीम में शामिल किया गया है। इस तरह अब एसआईटी में कुल नौ सदस्य हो गए हैं। यह जानकारी कोलकाता पुलिस के डिटेक्टिव चीफ रूपेश कुमार ने दी।

इसके साथ ही शनिवार को घटनास्थल पर जाकर पूरे घटना क्रम का पुनर्निर्माण (क्राइम सीन रीक्रिएशन) किया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए तीन मुख्य आरोपितों को घटनास्थल पर ले जाकर, अधिकारियों ने यह प्रक्रिया पूरी की और पूरे घटनाक्रम का वीडियोग्राफ़ी भी कराया गया। यह पुनर्निर्माण इसीलिए किया गया ताकि यह समझा जा सके कि पूरी वारदात कैसे अंजाम दी गई।

इस मामले में अभी तक जिन चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें कॉलेज के दो छात्र जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी, कॉलेज का पूर्व छात्र मनोजित मिश्रा और एक सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी शामिल हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार मुख्य तीनों आरोपितों से अलग-अलग पूछताछ की गई है और उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है।

जानकारी मिली है कि इस एसआईटी में एक महिला सब-इंस्पेक्टर भी शामिल हैं, जो लगातार पीड़िता के संपर्क में हैं। वह पीड़िता के बयान को आरोपितों के फोन से बरामद वीडियो फुटेज से मिलान कर रही हैं। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण भी पहले ही हो चुका है और उसकी रिपोर्टों की गहन जांच की जा रही है। पुलिस ने यह भी कहा है कि आगे आने वाले हर साक्ष्य को गंभीरता से जांचा जाएगा।

इसी बीच रविवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्याएं कसबा थाने पहुंचीं और वहां से सीधे घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और पुलिस अधिकारियों से बातचीत की। हालांकि, आरोप है कि जब वे घटनास्थल पर तस्वीरें लेना चाहती थीं, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। हालांकि, इस पर पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।

गौरतलब है कि 25 जून को कसबा लॉ कॉलेज के गार्डरूम में एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना सामने आई थी। अगले दिन वह अपने अभिभावक के साथ कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज पहुंचीं, जहां उनका मेडिकल परीक्षण हुआ। उस रिपोर्ट में पीड़िता के गुप्तांगों पर कई चोट के निशान, गले पर नाखूनों के खरोंच, गर्दन पर खरोंच और स्तनों पर काटने के निशान पाए गए। ये सभी निशान यौन शोषण की पुष्टि करते हैं। पीड़िता के गले, सीने और निचले हिस्से से सैंपल लिए गए और यूरीन प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव पाया गया।

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