गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मस्थान वडनगर को वैश्विक स्तर के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए गुजरात सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी कदम उठाए जा रहे हैं। अब वडनगर को गुजरात का पहला “स्लम फ्री” शहर बनाने की परियोजना शुरू की गई है, जिससे शहर की ऐतिहासिक पहचान बनी रहेगी और साथ ही आधुनिक विकास भी होगा।
निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे:
■ वडनगर शहर के कुल 300 से अधिक परिवारों को नए मकानों में पुनर्वासित किया जाएगा।
■ विकास कार्य के लिए 15 से अधिक क्षेत्रों से लगभग 7 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन मुक्त कराई जाएगी।
■ पुनर्वास के लिए पालिका द्वारा भूमि आवंटन को मंजूरी दे दी गई है और अब मानसून के बाद तेजी से कार्य शुरू किया जाएगा।
लाभ किसे और क्या मिलेगा?
■ प्रत्येक झुग्गीवासी को 50 वर्ग मीटर का प्लॉट और पक्का मकान प्रदान किया जाएगा।
■ तब तक राज्य सरकार भाड़े की राशि देगी।
■ नए क्षेत्रों में पूर्ण सुविधाओं के साथ आवास, सड़क, पानी, कम्युनिटी हॉल आदि का निर्माण किया जाएगा।
राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचा:
इस विकास योजना के लिए एक विशेष समिति गठित की गई है, जिसमें मेहसाणा के कलेक्टर अध्यक्ष के रूप में और प्रादेशिक आयुक्त सहित विभिन्न अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल हैं। पालिका, नगर नियोजन अधिकारी और चीफ ऑफिसर को भी समिति में शामिल किया गया है।
जमीन मुक्त कराने वाले स्थान:
1. सोमनाथ मंदिर के सामने (4717.09 वर्ग मीटर)
2. निकट के देवपूजक वास (1943.46 वर्ग मीटर)
इनके साथ कुल 15 क्षेत्रों में लगभग 45,722 वर्ग मीटर जमीन मुक्त कराई जाएगी।
दो वर्षों में वडनगर का बदलेगा चेहरा
इस विकास योजना के तहत अगले दो वर्षों में वडनगर का कायाकल्प देखने को मिलेगा। परंपरा और आधुनिकता के समन्वय के साथ वडनगर अब केवल एक ऐतिहासिक नगरी नहीं रहेगा, बल्कि गुजरात का एक मॉडल हेरिटेज और टूरिज्म सिटी के रूप में पहचान बनाएगा।