– बीएसएफ को रोकने वाले ममता के बयान पर राज्यपाल ने लिखा पत्र
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को लेकर दिए गए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर आपत्ति जताई है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनके बयान को संघीय ढांचे और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरनाक बताया।
दरअसल, मंगलवार को गंगारामपुर में प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ममता ने कहा था कि कि बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर ही है और किसी भी इलाके में प्रवेश करने से पहले बीएसएफ अधिकारियों और कर्मचारियों को पुलिस से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा गुरुवार को भी नदिया जिले में प्रशासनिक बैठक में ममता ने ऐसा ही निर्देश पुलिस को दिया। इसे लेकर गुरुवार को राज्यपाल धनखड़ ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है।
इसमें उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री जी आपका यह बयान कानून के अनुरूप नहीं है क्योंकि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर राज्य में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया है। आपका रुख परेशान करने वाला है और यह संघीय ढांचे और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित रूप से खतरनाक है।
पत्र में धनखड़ ने लिखा है कि बांग्लादेश, नेपाल और भूटान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले राज्य में बीएसएफ और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल राष्ट्रीय सुरक्षा और अवैध गतिविधियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में राज्य और केंद्रीय बलों में मिलनसारिता उत्पन्न करने की आवश्यकता है न कि टकराव की स्थिति उत्पन्न करने की। केंद्रीय एजेंसियों और राज्य तंत्र के बीच सहयोग होना चाहिए मुकाबला नहीं।
यह सुनिश्चित करने के लिए यह अनिवार्य रूप से आवश्यक है कि राज्य की पुलिस तथा केंद्रीय बल मिलकर कानून और व्यवस्था में अपनी-अपनी भूमिका निभाएं और समग्र सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समन्वित और सहक्रियात्मक तरीके से अपने सौंपे गए कर्तव्यों का पालन करें। इसके लिए राज्य तंत्र को और अधिक संवेदनशील होना होगा ताकि विभिन्न राज्य और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय और सहयोग बढ़ाया जा सके, जिन्हें मिलकर और एकजुटता से काम करने की आवश्यकता है।
यह अनिवार्य रूप से सार्वजनिक और राष्ट्रीय हित में आवश्यक है कि राज्य में बीएसएफ के कामकाज के संबंध में आपके निर्देशों और रुख पर फिर से विचार किया जाए ताकि सद्भाव और सहयोग का माहौल पैदा किया जा सके। राज्यपाल ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से इस तरह के बयान को वापस लेने की उम्मीद जताई है।