आईआईटी खड़गपुर में खुदकुशी का मामला, बीटेक छात्र फंदे से लटका मिला

कोलकाता : आईआईटी खड़गपुर के राजेन्द्र प्रसाद हॉल हॉस्टल से एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के चौथे वर्ष के छात्र ऋतम मंडल (21) शुक्रवार को अपने कमरे में फांसी के फंदे से लटके पाए गए। वह कोलकाता के निवासी थे। इस वर्ष जनवरी से अब तक संस्थान में यह चौथी संदिग्ध मौत का मामला है, जिसने पूरे परिसर को एक बार फिर स्तब्ध कर दिया है।

संस्थान के एक अधिकारी ने शुक्रवार को “हिन्दुस्थान समाचार” से विशेष बातचीत में बताया कि गुरुवार रात ऋतम ने सामान्य रूप से छात्रावास में भोजन करने के बाद अपने कमरे में चले गए थे।

एक सहपाठी ने बताया कि उस रात उनके व्यवहार में किसी प्रकार की असामान्यता नहीं दिखी थी। शुक्रवार सुबह जब बार-बार दरवाजा खटखटाने पर भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, तब दोपहर लगभग 12 बजे परिसर स्थित पुलिस चौकी के कर्मी और संस्थान के सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे। दरवाजा तोड़कर अंदर जाने पर ऋतम को फंदे से लटका हुआ पाया गया।

आईआईटी खड़गपुर प्रशासन ने मृतक छात्र के परिवार को इस दुखद घटना की सूचना दे दी है।

इस घटना ने संस्थान में मानसिक स्वास्थ्य और छात्रों की भावनात्मक स्थिति को लेकर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले 12 जनवरी को तीसरे वर्ष के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग छात्र शौन मलिक, 20 अप्रैल को फाइनल ईयर ओशन इंजीनियरिंग छात्र अनिकेत वॉकर और चार मई को तीसरे वर्ष के छात्र मोहम्मद आसिफ क़मर भी अपने कमरों में मृत पाए गए थे।

छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए संस्थान ने हाल ही में कुछ कदम उठाए हैं। हर हॉस्टल रूम के गेट पर बारकोड लगाए गए हैं, जिन्हें स्कैन करके छात्र कभी भी काउंसलिंग सेवा से जुड़ सकते हैं। इसके अलावा, ‘कैंपस मदर्स’ नामक पहल की शुरुआत की गई है, जिसके तहत महिला फैकल्टी और स्टाफ सदस्य भावनात्मक रूप से छात्रों का मार्गदर्शन और समर्थन करती हैं। इसके बावजूद बार-बार सामने आ रही इन घटनाओं ने आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की संरचना और छात्रों के मानसिक सहयोग तंत्र पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।

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