ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार पर बांग्ला भाषियों के उत्पीड़न का लगाया आरोप, आंदोलन की दी चेतावनी

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को धर्मतला में आयोजित वार्षिक शहीद श्रद्धांजलि सभा से भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने देशभर में घुसपैठियों को चिन्हित करने की मुहिम के जरिए बांग्ला भाषी लोगों को प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ देशभर में बड़े स्तर पर आंदोलन की चेतावनी दी है। ममता ने इस कार्रवाई को भाषाई विद्वेष से जोड़ते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो फिर से “भाषा आंदोलन” शुरू किया जाएगा।

केंद्र सरकार पर बंगाल के लोगों को अपमानित करने और उनके अधिकारों को छीनने का आरोप लगााते हुए ममता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक दिल्ली की सत्ता में बदलाव नहीं आता। ममता ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की साजिशें आज भी जारी हैं। न्याय की आवाज चुपचाप रो रही है और वे आम लोगों की बात नहीं करते।

ममता बनर्जी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसके आधार पर हजार से अधिक बंगाली बोलने वाले लोगों को किसी को मध्यप्रदेश, किसी को ओडिशा और किसी को राजस्थान की जेलों में डाल दिया गया।

मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि तृणमूल सरकार बंगाल के लोगों के लिए लगातार काम कर रही है। केंद्र से फंड बंद कर देने के बावजूद उनकी सरकार ने गरीबों को घर दिए, धार्मिक स्थलों का विकास किया और राज्य की परिवहन व्यवस्था को मजबूत किया है। राज्य ने अब तक 40 प्रतिशत बेरोजगारी कम की है, यह बंगाल के लोगों के लिए गर्व की बात है।

ममता बनर्जी ने मंच पर पहलगांव आतंकी हमले में मारे गए बंगाल के तीन लोगों बितन अधिकारी, मनीषरंजन मिश्रा और समीर गुहा के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि हम इन परिवारों के बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे।

ममता ने 1993 के 21 जुलाई का जिक्र करते हुए कहा कि उस दिन 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी। उस दौरान आंदोलन की अगुवाई उन्होंने ही की थी। ममता ने कहा कि शहीदों की कुर्बानी के कारण ही आज बंगाल बदलाव का चेहरा बना है।

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