पटना : राज्य के मंत्री बिजेंद्र यादव ने बिहार को विशेष राज्य का दर्ज देने पर जोर दिया है। मंत्री बिजेंद्र यादव ने सोमवार को नीति आयोग की रिपोर्ट पर कहा कि नीति आयोग ने अपने रिपोर्ट में बिहार को देश का सर्वाधिक गरीब राज्य बताया है। इसलिए बिहार को विशेष राज्य का दर्ज मिलना ही चाहिए। इस पर नीतीश कुमार सरकार ने केंद्र को एक पत्र लिखा है।
मंत्री ने बताया है कि बिहार प्रति व्यक्ति आय, मानव विकास और जीवन स्तर के मानकों पर राष्ट्रीय औसत से नीचे है। उन्होंने इसके लिए बिहार में प्राकृतिक संसाधनों और जलीय सीमा के अभाव तथा अत्यधिक जनसंख्या घनत्व को जिम्मेदार बताया है। यह भी कहा है कि बिहार बाढ़ और सूखा प्रभावित प्रदेश भी है। यहां के आधे से अधिक जिले इन प्राकृतिक आपदाओं को झेलते रहते हैं।
मंत्री ने नीति आयोग की ओर से बिहार को गरीब राज्य की श्रेणी में रखे जाने के लिए केन्द्र सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने बिहार में औद्योगिक विकास और तकनीकी शिक्षा की पहल नहीं की, न ही यहां पब्लिक सेक्टर की स्थापना की पहल की है। इसके अलावा बिहार हरित क्रांति के लाभ से भी वंचित रहा। इस कारण यहां कृषि का भी संतोषजनक विकास नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में सत्ताधारी के दल के नेता बिहार में जातीय जनगणना और बिहार को विशेष राज्य के दर्जा देने के मुद्दे पर हमेशा आमने सामने रहते हैं। बिहार में जदयू दोनों मुद्दों की मांग के पक्ष में रहता है तो भाजपा का इन मुद्दों पर कहना है कि जातीय जनगणना बिहार में तकनीकी रूप से संभव नहीं है। बिहार को विशेष पैकेज मिल ही रहा है तो फिर बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत नहीं है।