कोलकाता : एक के बाद एक आरोपों में घिरी पश्चिम बंगाल सरकार पर अब सीसीटीवी में घोटाले के आरोप लगे हैं। इन आरोपों को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में सीसीटीवी कैमरे खरीदने और लगाने में कथित घोटाले को लेकर जांच की मांग की गई है।
दरअसल, वर्ष 2012 में राजधानी दिल्ली में निर्भयाकांड के बाद देश के प्रमुख शहरों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपये की धनराशि आवंटित की थी। आरोप है कि राज्य सरकार ने उस धनराशि से सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल नहीं किया और उसे गबन कर गई है।
बुधवार को अधिवक्ता सायोनी सेनगुप्ता ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई है। उन्होंने बताया कि निर्भयाकांड से सबक लेते हुए सभी महानगरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना केंद्र सरकार ने लागू की थी। इसके लिए कुल 181 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई थी। इसमें से 56 करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल सरकार को केंद्र से मिले थे।आरोप है कि 2019 में आवंटित धनराशि का इस्तेमाल आज तक नहीं हुआ है जबकि इसका कोई हिसाब भी राज्य ने केंद्र को नहीं दिया है। सायोनी ने बताया कि सबसे पहले कोलकाता पुलिस को सीसीटीवी कैमरे लगाने की जिम्मेवारी दी गई थी लेकिन जब शहर की पुलिस इसमें नाकाम रही तो राज्य सरकार ने एक सॉफ्टवेयर कंपनी वेबेल को कैमरे इंस्टॉल करने की जिम्मेदारी दी गई। उस समय पता चला कि वेबेल को कैमरा इंस्टॉल करने का ठेका देने में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था, जिसकी वजह से यह काम रुक गया।
आरोप है कि कैमरा इंस्टॉल करने का सारा टेंडर केवल दो कंपनियों को दिया गया था। याचिका में केंद्र की ओर से आवंटित धनराशि के बारे में पता लगाने के लिए हाई कोर्ट से हस्तक्षेप करते हुए जांच की मांग की गई है। बुधवार को कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है। जल्द ही इस पर सुनवाई होगी।