- मंत्री सोमेन महापात्रा ने किया मृतकों के परिजनों को 10 लाख मुआवजा देने का दावा
कोलकाता : इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) की एक उच्चस्तरीय टीम बुधवार को दिल्ली से पश्चिम बंगाल के हल्दिया पहुंची थी। यह टीम हल्दिया रिफाइनरी में आग लगने के कारणों की जांच के लिए पहुंची थी जिसमें तीन लोगों की जान चली गई और 44 अन्य घायल हो गए हैं।
आईओसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस दुर्घटना में घायल हुए लोगों में से 38 का कोलकाता में विभिन्न सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति स्थिर है जबकि तीन संविदा कर्मियों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
दूसरी ओर हल्दिया रिफाइनरी प्रबंधन के साथ बैठक के लिए राज्य के मंत्री सोमेन महापात्रा भी पहुंचे थे। तमलुक के विधायक महापात्रा ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में दावा किया कि घटना में जो लोग मारे गए हैं उनके परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हल्दिया रिफाइनरी प्रबंधन के साथ बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख की आर्थिक मदद इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की ओर से दी जाएगी जबकि बाकी का पांच लाख ठेकेदार संस्था देगी जिनके अधीन मजदूर काम करते थे।
इंडियन ऑयल के प्रवक्ता ने कहा कि इस घटना में दुर्भाग्य से अपनी जान गंवाने वाले तीन संविदा कर्मियों के परिवार के सदस्यों से इस दुख की घड़ी में हर संभव सहायता देने के लिए संपर्क किया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का वरिष्ठ प्रबंधन लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है, और आईओसी प्रभावित श्रमिकों को सभी आवश्यक सहायता, राहत और मुआवजा प्रदान करेगा।
आईओसी ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि हल्दिया रिफाइनरी की मोटर स्पिरिट क्वालिटी (एमएसक्यू) इकाई में घटना का प्राथमिक कारण अचानक लगी आग बताया जा रहा है।
47 घायल लोगों को प्राथमिक उपचार दिया गया और उन्हें हल्दिया रिफाइनरी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उनमें से तीन ने दम तोड़ दिया, जबकि बाकी को ”ग्रीन कॉरिडोर” के माध्यम से कोलकाता लाया गया।
इधर मंत्री सोमेन महापात्रा ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीन श्रमिकों की मौत पर रिफाइनरी प्रबंधन से बात की और मुआवजा देने को कहा था।
रिफाइनरी के अस्पताल में नहीं थी बर्न यूनिट
मंत्री सोमेन महापात्रा ने यह भी आरोप लगाया है कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अधीनस्थ हल्दिया रिफाइनरी के अस्पताल में बर्न यूनिट भी नहीं थी। प्रबंधन के साथ बुधवार को बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब हुए मंत्री ने कहा कि दुर्घटना में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की लापरवाही स्पष्ट है। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल में जहां सबसे पहले घायलों को भर्ती किया गया था वहां कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं।