कोलकाता : पूर्वी भारत में पहली बार, अपोलो मल्टीस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल्स में डॉ. महेश कुमार गोयनका के नेतृत्व में गैस्ट्रो टीम की ओर से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की बीमारियों की जांच और इलाज के लिए नवीनतम और सबसे सुरक्षित प्रक्रिया पावर स्पाइरल एंटेस्कोपी की पेशकश की जा रही है।
यह मोटर चालित एंडोस्कोप, छोटी आंत की एंडोस्कोपी की प्रक्रिया को आसान बना देगा और इसे मौखिक मार्ग के साथ-साथ मलाशय के माध्यम से भी उपचार के लिए प्रवेश किया जा सकेगा। यह तकनीक सुरक्षित होने के साथ-साथ ही छोटी आंत की विकृति के प्रबंधन और समस्या का पता लगाने के लिए भी बहुत प्रभावी है।
इस संबंध में डॉ. सुरिंदर सिंह भाटिया, डीएमएस-पूर्वी क्षेत्र, अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप ने कहा, “अपोलो मल्टीस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल्स, कोलकाता निरंतर नई तकनीकों को लाने और पथ-प्रदर्शक प्रक्रियाओं को प्रस्तुत करने में अग्रणी बना हुआ है। हमारे प्रतिबद्ध चिकित्सक, इस अत्याधुनिक तकनीक की मदद से कई ज़रूरतमंद गैस्ट्रो इंटरवेंशन में मदद करेंगे।”
इस पर डॉ. महेश कुमार गोयनका, डायरेक्टर, इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोसाइंसेज एंड लिवर, अपोलो मल्टीस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल्स, कोलकाता ने कहा, “छोटी आंत के एंडोस्कोपिक मूल्यांकन की यह तकनीक केवल एक फुट पैडल के दबाव के साथ 20 फीट लंबी इस छोटी आंत का निरीक्षण करने में मदद करती है। यह बिल्कुल स्टीयरिंग, एक्सेलेरेटर और ब्रेक वाली कार को चलाने की तरह है। यह न केवल छोटी आंत में जटिल स्थितियों का इलाज करने में सहायता करता है बल्कि पुरानी और जटिल आंतों की समस्याओं को समझने और रोगी को उससे निदान दिलाने में भी मददगार है।