कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कोरोना के तेज संक्रमण के बीच होने वाले चार नगर निगमों के चुनाव को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सोमवार तक हलफनामा के जरिए जानना चाह है कि महामारी के बीच चुनाव टालने को लेकर सरकार का क्या रुख है।
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अगुवाई वाले पीठ में बंगाल के आसनसोल, सिलीगुड़ी, चंदननगर और बिधाननगर के चुनाव स्थगित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते यह चुनाव स्थगित करने की मांग की गई है।
दरअसल, बंगाल में मुख्य विरोधी दल भाजपा कोरोना के विकट हालात को देखते हुए चुनाव रद्द करने की मांग कर रहा है। वरिष्ठ भाजपा नेता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि जब कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल बंद हो सकता है, बंगाल में रात 10 बजे के बाद लोकल ट्रेनें बंद हो सकती हैं तो नगर निगमों का चुनाव बंद क्यों नहीं हो सकता? लोगों की सुरक्षा सबसे पहले है।
इन चारों नगर निगमों के चुनाव आगामी 22 जनवरी को होने हैं। बंगाल में कोरोना का दैनिक आंकड़ा गुरुवार तक 15 हजार को पार कर चुका है और स्वास्थ्य विशेषज्ञ आने वाले दिनों में इसमें और तेजी से वृद्धि की आशंका जता रहे हैं। दूसरी तरफ राज्य चुनाव आयोग कड़े कोरोना नियमों के तहत मतदान कराने की बात कह रहा है। हालांकि चुनाव में रोड शो और पदयात्रा पर रोक लगा दी गई है। केवल पांच लोगों के साथ घर-घर जाकर प्रचार करने की अनुमति दी गई है।
राजनीतिक दलों को वर्चुअल चुनाव प्रचार पर जोर देने को कहा गया है। छोटी-छोटी सभाएं करने को कहा गया है। प्रत्येक नगर निगम में नोडल स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है और सभी के लिए डबल या सिंगल वैक्सीन (उम्मीदवार, मतगणना एजेंट, मतदान अधिकारी) डोज बाध्यतामूलक कर दिया गया है। राज्य चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया है कि चुनाव स्थगित करने या उसकी तिथि आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है क्योंकि जिन नगर निगम इलाकों में चुनाव होने वाले हैं, वहां कोरोना का संक्रमण कोलकाता की तुलना में बेहद कम है।