कोलकाता : पिछले कुछ दिन से बंगाल भाजपा के कई नेताओं के पार्टी के व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ने की खबरें सुर्खियों बटोर रही हैं। इस पर अब भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कभी-कभी मुझे भी लगता है कि मैं भी व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दूं लेकिन इससे क्या होगा?
सोमवार को दिलीप घोष ने कहा कि कभी-कभी मुझे भी लगता है कि व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दूं लेकिन इससे क्या होगा, ज्यादा से ज्यादा मैं मीडिया के संज्ञान में आऊंगा, इससे ज्यादा कुछ नहीं। क्योंकि, ग्रुप छोड़ने से न तो समस्या का समाधान होता है और न ही कोई पद मिलता है, इससे उल्टा बदनामी होती है। अगर पार्टी के भीतर कोई समस्या है, तो उसे अंदर ही सुलझाना बेहतर है, वह अवसर भी है।
नेताओं के पार्टी बदलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग यात्री होते हैं, वे राजनीतिज्ञ नहीं होते, वे पार्टी बदलते रहते हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर के घर पर कुछ बागी विधायकों और नेताओं की बैठक के सवाल पर घोष ने कहा कि कोई भी कहीं भी खुशी-खुशी मीटिंग कर सकता हैं। उन्होंने कहा कि कौन किसके घर बैठक करेगा, इस बारे में क्या कहा जा सकता है। शांतनु आजकल चर्चा में हैं इसलिए उनके घर पर बैठक होने पर खबर बनाई जा रही है। वह केंद्रीय मंत्री हैं, उनसे कोई भी मिल सकता है।
उल्लेखनीय है कि रविवार को केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के आवास पर भाजपा के कुछ नेताओं की बैठक ने सियासी क्षेत्र में कयासों को तेज कर दिया है। ठाकुरनगर में कुछ ‘बागी’ पार्टी नेताओं को अचानक केंद्रीय मंत्री के आवास पर देखा गया। ऐसे लोगों में सायंतन बसु, रितेश तिवारी, जयप्रकाश मजूमदार और अन्य कई नेताओं की चर्चाएं हो रही हैं।
वार्ता के दौरान घोष ने गंगासागर मेला और स्वास्थ्य भवन के कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने पर कहा कि स्वास्थ्य विभाग खुद ही बीमार है, बाकी को कैसे ठीक करेगा? संक्रमण बढ़ रहा है और अस्पतालों के डॉक्टर भी संक्रमित हो रहे हैं। गंगासागर मेले के आयोजन के सवाल पर दिलीप घोष ने कहा कि चलो मेला जारी रहे लेकिन नियमों का पालन हो। इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश की याद दिलाते हुए दिलीप घोष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में तो सभी मेले लग रहे हैं, वहां तो इतना संक्रमण नहीं फैला।