- लगातार सात बार से हैं विधायक, पांच बार छावनी सीट से दर्ज की जीत
कानपुर : उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है और सभी राजनेता अपनी—अपनी सीट पर जीत को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। इन्ही में से एक सीट कानपुर की महाराजपुर है जहां पर हैट्रिक लगाने की जुगत में भाजपा विधायक सतीश महाना जुटे हुए हैं। हालांकि अभी पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार नहीं घोषित किया लेकिन उनके सामने भाजपा के किसी दावेदार ने दावेदारी भी नहीं की जिससे यह शत प्रतिशत माना जा रहा है कि सतीश महाना ही भाजपा के उम्मीदवार होंगे।
परिसीमन के बाद 2012 में पहली बार महाराजपुर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई और भाजपा के सतीश महाना ने जीत दर्ज की। इसके बाद 2017 के विधान सभा चुनाव में भी रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की। इस चुनाव में पूरे जनपद की सभी सीटों के सापेक्ष सबसे अधिक मतों पर जीतने वाले सतीश महाना विधायक बने। इसके पहले यह सीट सरसौल के नाम से जानी जाती थी और सपा की अरुणा तोमर लगातार दो बार विजयी रहीं। परिसीमन के पहले सतीश महाना छावनी विधानसभा सीट से चुनाव जीतते आ रहे थे और लगातार पांच बार छावनी से विधायक रहे। परिसीमन में छावनी का काफी बड़ा भाग महाराजपुर में मिल गया। 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सतीश महाना एक बार फिर से जनता के बीच जाएँगे। ऐसे में अब देखना होगा कि महाना महाराजपुर सीट से हैट्रिक लगाने में सफल हो पाते हैं कि नहीं? अगर हैट्रिक लगा ले गये तो वह शायद कानपुर के पहले विधायक होंगे जिन्होंने दो विधानसभा सीटों पर हैट्रिक लगाया हो। अभी उनके खिलाफ फिलहाल कांग्रेस के कनिष्क पाण्डेय ही दिख रहे हैं और बाकी पार्टियों के उम्मीदवारों का जनता को भी इंतजार है।
सबसे बड़े अंतर के साथ खिला था कमल
महाराजपुर विधानसभा सीट पर ओबीसी और जनरल वोटरों की संख्या सबसे अधिक हैं। इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है और उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना विधायक हैं। सतीश महाना ने वर्ष 2012 और वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कमल खिलाया था। जिले में सबसे अधिक अंतर 91,826 वोटों से वे जीत दर्ज करने में सफल हुए थे। चुनाव में सतीश महाना को 1,32,394 वोट और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के मनोज कुमार शुक्ला को 40,568 वोट मिले थे। सपा की अरुणा तोमर 38,752 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रही थीं।