कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली के आरोपों की कड़ी बढ़ती ही जा रही है। अब प्राथमिक शिक्षकों के संगठन ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका कर दावा किया है कि योग्यता के बावजूद राज्य सरकार ने उन्हें नौकरी से वंचित किया है।
सोमवार को इस याचिका पर हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा के पीठ में सुनवाई हुई और अधिवक्ता के तौर पर श्रीरामपुर से तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने याचिका की ओर से राज्य सरकार के खिलाफ पक्ष रखा। सांसद का इस मामले में पक्ष रखना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह हाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर चुके हैं।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि 2004-05 वर्ष में उन्होंने प्राथमिक शिक्षक के तौर पर नियुक्ति के लिए परीक्षा दी थी। इन सभी ने पीटीआई से प्रशिक्षण भी लिया है। उनके पास सारे दस्तावेज और प्रमाण पत्र भी हैं। आरोप है कि पीटीआई से प्रशिक्षित शिक्षकों को अतिरिक्त 22 नंबर दिया जाता है लेकिन उनके मामले में राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षा परिषद को नोटिस जारी करते हुए आगामी चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।