कोलकाता : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में केंद्र सरकार से गणतंत्र दिवस परेड में नेताजी के टैब्लो को शामिल करने की मांग की थी। इसके जवाब में मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ममता बनर्जी को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने बताया है कि क्यों नेताजी के टैब्लो को परेड में शामिल नहीं किया जा सकता है।
झाँकियों के चयन में राजनीति न होने का संकेत देते हुए राजनाथ सिंह ने लिखा है कि पश्चिम बंगाल की झाँकी को वर्ष 2016, 2017, 2019 और 2021 में गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया गया था। इस बार 29 राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों में से सिर्फ़ 12 को ही परेड में मंज़ूरी दी गयी है।
रक्षा मंत्री ने पत्र में लिखा है, ‘सुश्री ममता जी, सस्नेह नमस्कार। आपके दिनांक 16 जनवरी 2022 के पत्र संख्या 75-2022 के संदर्भ में आपको बताना चाहूंगा कि देश की आजादी के लिए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का योगदान प्रत्येक भारतीय के लिए अविस्मरणीय है। इसी भावना को सर्वोपरि रखते हुए माननीय प्रधानमंत्री जी ने नेताजी के जन्मदिवस 23 जनवरी के दिन को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में घोषित किया है।
अब से हर बार गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत नेताजी के जन्मदिवस 23 जनवरी से शुरू होकर 30 जनवरी को समापन किया जाएगा। वर्तमान सरकार नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और पश्चिम बंगाल के सभी स्वाधीनता सेनानियों के प्रति कृतज्ञ है।
मैं आपको विश्वास दिलाना चाहूंगा कि गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाली झांकियों की चयन प्रक्रिया बहुत पारदर्शी है। कला, संस्कृति, संगीत और नृत्य विधाओं के प्रख्यात विद्वानों की समिति राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों के कई दौर में मूल्यांकन के बाद इनकी अनुशंसा करती है। इसी चयन प्रक्रिया के तहत पश्चिम बंगाल राज्य की झांकी ने वर्ष क्रमश: 2016, 2017, 2019 और 2021 में भी गणतंत्र दिवस परेड समारोह में भाग लिया था।
मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं और इसीलिए व्यक्तिगत रूप से आपको जानकारी देना चाहता हूं कि इस बार 29 राज्यों / केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रस्तावों में से 12 को मंजूरी दी गई है।
हमारी सरकार ने ही 1943 में नेताजी के नेतृत्व में बनी भारत की निर्वासित सरकार की 75वीं वर्षगांठ 2018 में भव्य रूप से मनायी थी और गणतंत्र दिवस परेड में आजाद हिंद फौज के जीवित सेनानियों को शामिल कर सम्मानित भी किया था। यहां एक और तथ्य से अवगत करवाना चाहूंगा कि इस बार सीपीडब्ल्यूडी की झांकी में भी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई है। यह इस तथ्य का साक्षी है कि देश द्वारा महान नेता सुभाष चन्द्र बोस की जयंती को प्रमुखता दी जा रही है।
स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के वर्ष में गणतंत्र दिवस का यह पर्व केन्द्र और सभी राज्यों के लिए एक अति विशिष्ट अवसर है।
मुझे आशा है कि उक्त तथ्यों से आपकी शंका का निवारण हो गया होगा और आपका महत्वपूर्ण एवं सकारात्मक सहयोग गणतंत्र के इस पावन अनुष्ठान के सफल आयोजन में अपना सक्रिय योगदान देगा। शुभकामनाओं सहित।’