प्रतापगढ़ : प्रतापगढ़ जिले के विश्वनाथगंज विधानसभा क्षेत्र का चुनाव काफी रोचक होने की उम्मीद है, क्योंकि 2017 में भाजपा-अपना दल (एस) गठबंधन से अपना दल के टिकट पर चुनाव जीतने वाले डॉक्टर आरके वर्मा अब अपना दल को छोड़ समाजवादी पार्टी का दामन थाम चुके हैं।
उन्होंने अपना दल की सदस्यता से त्यागपत्र देकर समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में अपनी आस्था व्यक्त किया है। वर्तमान विधायक द्वारा अपनी पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में जाना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है, इसका असर जिले की राजनीति पर भी पड़ेगा।
डॉक्टर आरके वर्मा विश्वनाथगंज विधानसभा से लगातार दो बार अपना दल के टिकट पर चुनाव जीते हैं। वर्ष 2014 में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री राजाराम पांडे की आकस्मिक मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में डॉक्टर आरके वर्मा पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद 2017 में पुनः अपना दल के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे। अब देखना है कि समाजवादी पार्टी दल-बदल कर आए डॉक्टर आरके वर्मा को अपना प्रत्याशी घोषित करती है या फिर सपा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. राजाराम पांडे के पुत्र संजय पांडे को उम्मीदवार बनाती है। फिलहाल अभी तक भाजपा अपना दल गठबंधन की स्थिति भी साफ नहीं हुई है कि विश्वनाथगंज विधानसभा सीट से अपना दल का प्रत्याशी होगा या भारतीय जनता पार्टी का।
वहीं बहुजन समाज पार्टी ने अशफाक अहमद को उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस ने अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। राजा भैया के जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से भी अभी तक कोई उम्मीदवार विश्वनाथगंज विधानसभा के लिए घोषित नहीं किया है। लोगों में यह चर्चा आम है कि नामांकन होने में महज 10 दिन शेष रह गए हैं, लेकिन अभी तक उम्मीदवारों की स्थिति विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा साफ नहीं हो सकी है। इस विधानसभा सीट का चुनाव बहुत ही रोचक होने की उम्मीद है।
विश्वनाथगंज विधानसभा क्षेत्र 2008 के परिसीमन के बाद आस्तित्व में आया है। इसके बाद यहां तीन बार चुनाव हुए हैं। तीनों चुनाव में यहां की जनता अलग-अलग उम्मीदवार पर विश्वास की है। मगर जमीन स्तर पर अभी हालात नहीं बदले हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में विश्वनाथगंज की जनता ने अपना दल (एस) के उम्मीदवार राकेश वर्मा पर भरोसा की थी। इससे पहले वह अपना दल में रहे थे।
2017 के विधानसभा चुनाव में वर्तमान विधायक राकेश कुमार वर्मा को 81899 वोट मिले थे। अपना दल (एस) के साथ उत्तर प्रदेश में भाजपा का गठबंधन है। वहीं, इस सीट से दूसरे नंबर पर कांग्रेस उम्मीदवार संजय पांडे रहे थे। 2014 के उपचुनाव में भी अपना दल से राकेश वर्मा जीते थे। उस समय उनका मुकाबला सपा उम्मीदवार संजय पांडे से था।
राजनीतिक विश्लेषक राजीव रंजन सिंह की मानें तो 2022 के विधानसभा चुनाव में समीकरण बदल गए हैं। अपना दल (एस) और भाजपा तो एक साथ है। मगर अभी कांग्रेस और सपा की राहें अलग-अलग हैं। ऐसे में राकेश वर्मा पर अगर उनकी पार्टी फिर से भरोसा करती है तो इस बार मुकाबला ज्यादा दिलचस्प होगा।