पुरुलिया : जिले में माओवादी गतिविधियों को छोड़कर मुख्यधारा में लौटे एक व्यक्ति ने बेटे की हत्या करने के बाद खुदकुशी कर ली है। आरोप है कि उसने पत्नी की भी हत्या करने की कोशिश की थी लेकिन वह किसी तरह बच कर भाग निकली। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बताया गया कि हिंसक नक्सली गतिविधियां छोड़ने के बाद राज्य सरकार ने तनासी गांव के निवासी हेमंत हेम्ब्रम को पुनर्वास योजना के तहत होमगार्ड की नौकरी दी गई थी। वह पत्नी चंपा और छह साल के बेटे के साथ रहता था। पुलिस के अनुसार बेलगुमा में हेमंत ने पहले पहले अपने छह साल के बेटे की गला रेत कर हत्या की और उसके बाद उसने खुदकुशी कर ली है।
मृतक की पत्नी चंपा ने बताया कि रविवार देर रात उसका पति से विवाद हुआ था, जिसके बाद उसने छह साल के बच्चे की गला रेत कर हत्या कर दी और उसे भी मारने की कोशिश की लेकिन वह जैसे-तैसे भाग निकली। जिला पुलिस अधीक्षक एस सिल्वामुरगन ने सोमवार को बताया कि स्पेशल होमगार्ड ने पहले अपने बच्चे की हत्या की और उसके बाद पत्नी की भी हत्या की कोशिश की। बाद में उसने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली है। घटना की जांच चल रही है।
दरअसल, हेमंत और चंपा दोनों माओवादियों के अयोध्या दस्ते के सक्रिय सदस्य थे। हेमंत हथियार लेकर दस्ते से फरार हो गया था। 2013 में पुरुलिया में उसने जिला पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। बाद में चंपा को भी पुलिस ने पकड़ा था। सरकार की योजना के तहत नक्सलियों के समर्पण करने की वजह से दोनों को होमगार्ड की नौकरी दी गई थी।