गुमनामी, मुफलिसी, तन्हाई से दो-चार हो रहे 50 के दशक के मशहूर फिल्म अभिनेता भारत भूषण ने बीमारी की हालत में कुछ ऐसा ही दर्द बयान किया था- मरना सभी को है, मगर जीने का सलीका सबको नहीं आता, मुझे भी नहीं।
फिल्मों के जरिये कभी शोहरत और दौलत की ऊंचाइयां छूने वाले भारत भूषण ने आखिरी दिनों में तकदीर का ऐसा खेल देखा जब वे पाई-पाई के मोहताज हो गए। बीमार भारत भूषण के पास इलाज के लिए पैसे नहीं और उनकी अर्थी जब उठी तो कंधा देने वाले लोग तलाशे नहीं मिल रहे थे। कामयाबी का मेला हमेशा के लिए गुजर चुका था।
मायानगरी की माया ही थी कि 14 जून 1920 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में पैदा हुए भारत भूषण, पढ़ाई पूरी करने के बाद जब बंबई पहुंचे तो अभिनेता के रूप में छा गए। राजकपूर, देवानंद और दिलीप कुमार की फिल्मी त्रयी के युग में भी भारत भूषण ने न केवल अपनी जगह बनायी बल्कि उनकी हिट फिल्मों की लाइन लग गयी। 1942 में ‘भक्त कबीर’ से शुरू हुए इस सफर में ‘बैजू बावरा’, ‘आनंदमठ’, ‘मिर्जा गालिब’, ‘मुड़-मड़ के न देख’, ‘सावन’, ‘भाईचारा’, ‘जन्माष्टमी’ जैसी फिल्में उनकी कामयाबी की कहानी कह रही थी। भारत भूषण के पास कई महंगी गाड़ियां और बंगला आ गया।
इसी बीच भारत भूषण के बड़े भाई रमेश ने उन्हें प्रोड्यूसर बनने की सलाह दी। उनकी सलाह पर दो फिल्में ‘बसंत बहार’ और ‘बरसात की रात’ प्रोड्यूस कीं जो बेहद कामयाब रही। भारत भूषण के पास लगातार आ रही दौलत को देख भाई के मन में लालच आ गया। उन्होंने भारत भूषण को उकसाया कि कुछ और फिल्में बनाएं जिसमें उनके बेटे को हीरो के तौर पर लिया जाए। इस बार भी उन्होंने भाई की बात मानी और फिल्म बुरी तरह फ्लॉप रही। इसी तरह भारत भूषण ने इसके बाद जितनी फिल्में बनायी, वे बुरी तरह पिट गयी और भारत भूषण भी कर्ज में डूब गए।
पहले गाड़ियां बिकी, फिर बंगला बिका। पढ़ने के शौकीन भारत भूषण की अपनी लाइब्रेरी सबसे पहले बिकी। तंगहाली में वे बसों में सफर करने लगे। फिल्मों में छोटे-मोटे किरदार कर जिंदगी की गाड़ी खींचते-खींचते ऐसे बीमार हुए कि दोबारा उठ न सके। न इलाज के लिए पैसे थे न दवा के लिए। आखिरकार 71 साल की उम्र में 27 जनवरी 1992 को भारत भूषण ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
अन्य अहम घटनाएं:
1907: पत्रकार और लेखक पंडित सीताराम चतुर्वेदी का जन्म।
1922: फिल्म अभिनेता अजित का जन्म।
1926: जनरल एएस वैद्य का जन्म।
1956: जाने-माने राजनेता अमर सिंह का जन्म।
2007: प्रख्यात साहित्यकार व सम्पादक कमलेश्वर का निधन।
2009: पूर्व राष्ट्रपति रामस्वामी वेंकटरमण का निधन।