इतिहास के पन्नों में : 11 फरवरी – निःशब्द सदा, ओ गंगा तुम बहती हो क्यूं

भूपेन हजारिका की अनूठी आवाज से सजा यह अमर गीत, बहुआयामी प्रतिभा के धनी पंडित नरेंद्र शर्मा की कलम से निकला। प्रकृति और मानवीय सौंदर्य से खास मोह रखने वाले नरेंद्र शर्मा, हिंदी की साहित्यिक परम्परा को समृद्ध करने वाले सशक्त हस्ताक्षर हैं। 11 फरवरी 1989 में हृदयगति रुकने से उनका निधन हो गया था।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एमए करने वाले पंडित नरेंद्र शर्मा ने जीवन भर हिंदी में लिखा और उन्हें संस्कृतनिष्ठ शब्दों के बेजोड़ प्रयोग के लिए जाना जाता है। खूबी यह कि उन्होंने इसे काफी लोकप्रिय भी बना दिखाया। लता मंगेशकर की आवाज में 1961 में आई फिल्म ‘भाभी की चूड़ियां’ का यह गीत- ‘ज्योति कलश छलके, हुए गुलाबी-लाल-सुनहरे, रंग दल बादल के, ज्योति कलश छलके।’

या ‘विस्तार है अपार, प्रजा दोनों पार, करे हाहाकार/ नि:शब्द सदा, ओ गंगा तुम, बहती हो क्यों/ नैतिकता नष्ट हुई, मानवता भ्रष्ट हुई/ निर्लज्ज भाव से बहती हो क्यों?

प्रयोगधर्मी कवि पंडित नरेंद्र शर्मा का जन्म 28 फरवरी 1913 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा के जहांगीरपुर में हुआ। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए करने के बाद ‘अभ्युदय’ पत्रिका का संपादन किया। आर्य समाज के सुधारवादी आंदोलन और राष्ट्रीय जागरण से प्रभावित रहे पंडित जी 1942 में गांधीजी के असहयोग आंदोलन में काफी सक्रिय रहे और इस दौरान नजरबंद किये गए। अपनी जेल यात्रा में उन्होंने कविता संग्रह ‘मिट्टी और फूल’ लिखा।

मशहूर साहित्यकार भगवतीचरण वर्मा के अनुरागी रहे नरेंद्र शर्मा, उनकी सलाह पर मुंबई गए और फिल्मी लेखन के साथ आकाशवाणी से भी जुड़े। 3 अक्टूबर 1957 में रेडियो प्रसारण में एक मील का पत्थर बना ‘विविध भारती’ कार्यक्रम जुड़ा, जिसका प्रस्ताव पंडित नरेंद्र शर्मा ने ही दिया था।

बेहद सरल और सुरुचिपूर्ण शब्दावली में गढ़े गए उनके कई फिल्मी गीत आज भी सुने जाते हैं, जिनमें फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ के गीत का उल्लेख समीचीन होगा- ‘यशोमती मैया से बोले नंदलाला, राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला।’

कविता, गद्य और नाटक की उनकी कुल 19 पुस्तकें प्रकाशित हुई जिसमें मुख्य रूप से ‘शूल-फूल’, ‘कर्णफूल’, ‘प्रवासी के गीत’, ‘पलाशवन’, ‘द्रौपदी’ की चर्चा होती है।

अन्य अहम घटनाएं:

1750: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शहादत देने वाले तिलका मांझी का जन्म।

1917: क्रांतिकारी टी. नागि रेड्डी का जन्म।

1931: भारतीय सिद्धांतकार और प्रमुख साहित्यिक आलोचक गोपीचंद नारंग का जन्म।

1942: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, उद्योगपति और मानव शास्त्री जमनालाल बजाज का निधन।

1950: भाजपा नेता राव इंद्रजीत सिंह का जन्म।

1968: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिंतक और भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय का निधन।

1977: पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद का निधन।

1993: मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक कमाल अमरोही का निधन।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *