कोलकता : जामताड़ा गैंग और दूसरे प्रकार के साइबर फ्रॉड्स से लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं लेकिन इसके साथ ही साथ लोगों में साइबर ठगी को लेकर जागरुकता भी फैल रही है। हालांकि इंटरनेट के माध्यम से स्मार्ट होते इस जमाने पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। भविष्य में आने वाले इन खतरों पर लगाम लगाने के लिए वर्तमान समय से ही तैयारी की जरूरत है और इसी ओर इंडियन स्कूल ऑफ एंटी हैकिंग (ISOAH) और साइबर सिक्योरिटी-सेंटर ऑफ एक्सिलेंस (CS-CoE) की ओर से पहल की जा रही है। ये बातें आईएसओएएच के प्रबंध निदेशक संदीप सेनगुप्ता ने कहीं।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में तकनीक को स्मार्ट हो जाएगी लेकिन अगर उन तकनीकों से सुरक्षित नहीं रहना सीखा गया तो लोग बिल्कुल भी स्मार्ट नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि सम्भव है कि आने वाले समय में हमारा घर, एसी, फ्रीज, कार हर चीज तकनीक से जुड़ जाए और जीवन आसान हो जाए लेकिन उसके साथ ही इस तकनीक में साइबर ठगों द्वारा सेंध लगाए जाने का खतरा भी उसी तेजी से बढ़ेगा, इस बात पर कोई संशय नहीं है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ISOAH और CS-CoE के संयुक्त तत्वावधान में IoT Security पर रिसर्च के लिए महानगर स्थित एसडीएफ बिल्डिंग में IoT Lab की शुरुआत की जा रही है। मार्च महीने से ही इस लैब की शुरुआत कर दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में साइबर ठगी से बचाने के लिए एक बड़ी टीम की जरूरत पड़ेगी, जो वर्तमान समय में काफी कम है।
शुक्रवार को कोलकाता प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भविष्य में आने वालों खतरों को लेकर एक डेमो दिया गया, जिसमें फ्रिक्वेंसी (Frequency) के माध्यम से कार का दरवाजा बिना चाबी के खोलने की तकनीक दिखाई गई। इस डेमो में दिखाया गया कि आप अपने कार को लॉक करके पार्किंग में छोड़ आए हैं लेकिन इसके बावजूद बिना चाबी के कोई आपकी कार के लॉक को खोल कर उसे चोरी कर सकता है। वहीं महज लिंक पर क्लिक करने से आपका पूरा फोन कैसे हैक किया जा सकता है, इसका डेमो भी इस सम्मेलन में दिया गया। इस मौके पर नेशनल साइबर सिक्योरिटी सकॉलर, संयुक्त सचिव, आईटीएंडई व पश्चिम बंगाल के स्टेट इंफॉरमेशन सिक्योरिटी ऑफिसर संजय कुमार दास, icommunications के Chief Strategist सौम्यजीत माहापात्र समेत अन्य लोग मौजूद थे।