– लखन भारती 27 फरवरी को पश्चिम बंगाल की 107 नगरपालिकाओं के लिए मतदान है, इनमें बरानगर नगरपालिका भी शामिल है। पालिका के अधीन 34 वार्ड हैं। जिनमें 5 नम्बर वार्ड कुछ खास है। इस वार्ड का भविष्य बरानगर जूट मिल के श्रमिकों के हाथ में रहता है। गंगा के तट पर बसे इस वार्ड की देखरेख भले ही जूट मिल प्रबंधन पर निर्भर है लेकिन वार्ड पार्षदों की भूमिका भी कम नहीं है। इस वार्ड में बरानगर जूट मिल है। बिजली चालित आधुनिक दाह संस्कार चूल्हा और चिता है।
श्रमिकों की दो क्वॉर्टर लाइन -फेरीघाट और चीनी कोठी है। इसके अलावा वार्ड नम्बर 6 व 7 के छोटे-छोटे हिस्से कटकर वार्ड 5 में शामिल हैं। वार्ड में कुल 4608 मतदाता हैं, सम्पूर्ण हिंदी भाषी वार्ड है। इस वार्ड से 5 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। तृणमूल कांग्रेस से आरिफ हुसैन, भाजपा से राकेश दास, कांग्रेस से अमित दूबे, पीसीआई से रामजी साव और निर्दल से मनोज दास। सभी उम्मीदवार हिंदी भाषी ही हैं।
वार्ड की समस्याएं :
वैसे वार्ड 5 के अधीन श्रमिक लाइन खतरनाक रूप से जर्जर है। अंग्रेज के जमाने के शौचालय हैं, गंदगी है, पेयजल की समस्या है। हालांकि इन सारी समस्याओं का हल करना जूट प्रबंधन की जिम्मेदारी है। पार्षद का काम कम है फिर भी श्रमिक लाइन के आउटसाइड की समस्यायें हैं या पालिका के अधीन जो भी काम है, उनका पार्षद निदान करते आ रहे हैं।
वार्ड 5 के राजनैतिक हालात :
इस वार्ड की जनता सभी दलों को आजमा चुकी है, लेकिन श्रमिकों की उन समस्याओं का हल करने में विफल रहे हैं जो जूट मिल से जुड़ी हुईं हैं। जर्जर श्रमिक लाइन की मरम्मत या पुनर्निर्माण पर प्रबंधन ने फैसला लिया था, आवाज़ भी उठी थी, लेकिन आवाज़ न जाने कैसे दब गई।
क्या कहते हैं उम्मीदवार?
तृणमूल के आरिफ हुसैन का कहना है कि इस वार्ड में विकास करना है, जो किसी पार्षद ने नहीं किया। भाजपा के राकेस दास ने बताया कि वे श्रमिक लाइन की हर समस्या के समाधान का वादा कर रहे हैं। निर्दल उम्मीदवार मनोज दास का कहना है कि पालिका प्रशासन के अधीन जो भी काम है, इसके सिवाय गरीबों के घर की बहन-बेटियों की शादी में सहयोग करेंगे। कांग्रेस के अमित दूबे और सीपीआई के रामजी साव भी श्रमिकों को जूट मिल की समस्याओं से निजात दिलाने का वादा कर रहे हैं।
टक्कर तृणमूल और कांग्रेस के बीच :
वार्ड 5 का जायजा लेने पर परिस्थिति यह देखी जा रही है कि यहाँ काँटे की टक्कर तृणमूल और कांग्रेस के बीच है। प्रचार के मामले में तृणमूल सबसे आगे है। दूसरे स्थान पर कांग्रेस व सीपीआई है जबकि भाजपा तीसरे नम्बर पर है। निर्दल के मनोज दास भी चुनाव प्रचार में भाजपा से आगे चल रहे हैं।