कोलकाता : पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता साधन पांडे के जीवन के सफर का अंत हो गया है। अमूमन शांत, सभ्य और मर्यादित राजनीति करने वाले साधन का राजनीतिक सफर उपलब्धियों से भरा रहा है। उनके नाम कई ऐसे रिकॉर्ड दर्ज हैं जिनके आसपास उनकी पार्टी की सुप्रीमो ममता बनर्जी भी कहीं नहीं टिकतीं।
13 नवंबर, 1950 को जन्मे साधन पांडे का निधन आज रविवार को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में हो गया। वह 71 साल के थे। जीवन के महज सात दशक में दुनिया को अलविदा कहने वाले साधन पांडे ऐसे नेता थे जो आज तक विधानसभा का एक भी चुनाव नहीं हारे हैं। पहली बार वह 1985 में कोलकाता के ही बड़तला विधानसभा से उपचुनाव में जीते थे। तब वह कांग्रेस में थे। उसके बाद 1987, 1991, 1996 , 2001 और 2006 में लगातार पांच बार जीतते रहे। 1998 में ममता बनर्जी ने कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस की नींव डाली थी और महज दो साल बाद 2001 में साधन पांडे कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में ममता के साथ हो लिए।
उसके बाद उम्र की आखिरी सांस तक यह रिश्ता अटूट रहा। 2001 में पहली बार तृणमूल में शामिल होने के बाद उन्होंने पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था जिसके बाद आज तक लगातार तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर बड़े अंतर से जीत दर्ज करते रहे थे। 2011 का विधानसभा चुनाव उन्होंने मानिकतला से लड़ा और जीत गए। उसके बाद 2015 और 2021 में भी वह विधानसभा में अजेय रहे हैं। जीवन के आखिरी सांस तक वह विधायक बने रहे। यहां तक कि ममता कैबिनेट में 2011 में शुरुआती सरकार बनने के साथ ही वह मंत्री बन गए थे और जुलाई में गंभीर रूप से बीमार पड़ने के बाद तक मंत्री बने रहे। अगस्त में उनकी जगह ममता ने सुब्रत मुखर्जी को उनके पंचायत विभाग की जिम्मेवारी दी थी लेकिन मुखर्जी के निधन के बाद साधन पांडे का मंत्रालय रिक्त ही रहा।
रविवार को उनके निधन के बाद उनके इकलौती बेटी श्रेया पांडे ने जानकारी दी है कि मुंबई से उनके पार्थिव शरीर को विशेष विमान से कोलकाता लाया जा रहा है। देर शाम तक उनका शव कोलकाता आएगा जिसके बाद उसे पीस हेवेन में रखा जाएगा। सोमवार को उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार होगा। साधन पांडे के निधन पर राजनीतिक दायरे से ऊपर उठकर भाजपा, कांग्रेस और माकपा के नेताओं ने भी दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के अलावा विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी उनके निधन पर शोक व्यक्त कर चुके हैं।