पश्चिम बंगाल के नगर निकाय चुनाव में अर्धसैनिक बलों की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में नगर निकाय चुनाव के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की भाजपा की मांग को खारिज कर दिया। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले बेंच ने भाजपा नेता मौसमी राय और प्रताप बनर्जी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वह कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश में दखल नहीं देना चाहते हैं।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील परमजीत पटवालिया ने कहा कि पिछले चुनाव में व्यापक हिंसा हुई थी। इसके बावजूद हाई कोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग को खारिज कर दिया और राज्य निर्वाचन आयोग को इस मसले पर फैसला करने को कहा। राज्य निर्वाचन आयोग ‘जागो बांग्ला’ अखबार की खबर को आधार बना रहा है। ये अखबार तृणमूल कांग्रेस का आधिकारिक अखबार है। उन्होंने कहा कि दूसरे अखबारों की खबरें हमने सौंपी थी, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र को पश्चिम बंगाल में नगर निगम चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती पर कोई ऐतराज नहीं है। मेहता ने कहा कि त्रिपुरा के चुनाव में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था।

याचिका भाजपा नेता मौसमी राय और प्रताप बनर्जी ने दायर की थी। याचिका में कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें हाई कोर्ट ने नगर पालिका के चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग को खारिज कर दिया था। पश्चिम बंगाल में 27 फरवरी को नगर पालिका के चुनाव होने वाले हैं।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने 23 फरवरी को पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि हर नगर निगम की जमीनी हकीकत का जायजा लें और राज्य के गृह सचिव और डीजीपी के साथ बैठक कर केंद्रीय बलों की तैनाती के मामले पर फैसला करें। पश्चिम बंगाल भाजपा का कहना था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष नगर निगम चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती जरूरी है। तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता भाजपा के उम्मीदवारों और उनके परिजनों को धमका रहे हैं।

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