कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को 45वें अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले का उद्घाटन किया। सॉल्टलेक के सेंट्रल पार्क में आयोजित मेले में उन्होंने लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आने और पुस्तकें खरीदने की अपील की।
पुस्तक मेले की आयोजक संस्था पब्लिसर्स एंड बुकसेलर्स गिल्ड के सचिव त्रिदिब कुमार चटर्जी ने बताया कि पुस्तक मेले में इस बार कुल 600 स्टाल हैं। लघु पत्रिकाओं के 200 स्टाल हैं। पुस्तक मेले के नौ प्रवेश व निकास द्वार तैयार किए गए हैं, जिनमें से तीन बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की पुस्तकों की प्रतिकृति पर आधारित हैं। एक द्वार आस्कर अवार्ड से सम्मानित फिल्मकार सत्यजित राय और अवनींद्रनाथ ठाकुर के नाम पर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि मेला परिसर में दो हाल तैयार किए गए हैं। एक महान स्वंतत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस और दूसरा बंगाल के मनीषी ऋषि अरविंद के नाम पर हैं।
दिवंगत बांग्ला फिल्म अभिनेता सौमित्र चटर्जी के नाम पर एक खुला मंच का भी निर्माण किया गया है। पुस्तक मेले के लिए बसों की विशेष व्यवस्था की गई हैं। इस बाबत आयोजकों की तरफ से राज्य के परिवहन विभाग से अनुरोध किया गया है। पुस्तक मेले को ईको -फ्रेंडली बनाने में वन विभाग की ओर से सहयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुस्तक मेला 13 मार्च तक चलेगा और दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहेगा। पुस्तक मेले में कोरोना से संबंधित सभी स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। बिना मास्क किसी को पुस्तक मेले में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इसके अलावा इस बार थीम कंट्री बांग्लादेश के साथ भारत के बेहतर संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के रिश्तो में और मजबूती आएगी। पुस्तक मेले में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी और बांग्लादेश की मुक्ति के स्वर्ण जयंती वर्ष का भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के अलावा ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, इटली, जापान, ईरान, स्पेन, अर्जेंटीना, मैक्सिको व अन्य लातिवी अमेरिकी देशों के प्रकाशक भी इस मेले में अपने स्टाल लगाएंगे। ईरान पहली बार इसमें भाग ले रहा है। पुस्तक मेले के तहत आठवें कोलकाता साहित्य उत्सव का भी आयोजन हुआ है, जिसके तहत ऑनलाइन ऑफलाइन विभिन्न कार्यक्रम होंगे।