बैरकपुर : बीजपुर थाने के कांचरापाड़ा के बागमोड़ बागबाजार रोड निवासी सायन घोष डॉक्टरी की पढ़ाई करने गया था लेकिन युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंस गया है। 21 वर्षीय सायन 21 नवंबर, 2021 को घर से निकला था। उसने 24 नवंबर को दिल्ली से यूक्रेन के लिए उड़ान भरी थी। वह यूक्रेन के लबीब शहर में रहता था। सुशांत घोष और सोमा घोष अपने बेटे के घर नहीं लौटने से काफी चिंतित हैं। घोष दंपति का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अनुरोध है कि सायन समेत सभी बच्चों को जल्द से जल्द वापस लाया जाए। सायन के पिता सुशांत घोष ने कहा कि उनके बेटे को बुधवार को 17 घंटे के लिए यूक्रेन की एक चौकी में हिरासत में रखा गया था। हंगरी में भारतीय दूतावास ने गुरुवार की सुबह उसे पिक अप किया। उसके साथ बातचीत नहीं हो पा रही है क्योंकि इंटरनेट ठीक से काम नहीं कर रहा है। सिर्फ व्हाट्सएप पर मैसेज के जरिए जानकारी साझा हो रही है। वहीं सोमा घोष ने कहा कि हंगरी में भारतीय दूतावास में बेटे के होने के बावजूद अभी तक उसे रहने के लिए घर नहीं दिया गया है। उसे सिर्फ पानी और बिस्किट ही खिलाया जा रहा है। उनका बेटा अभी भी बड़ी परेशानी में है।
बीजपुर थाने के हलीशहर की जेठिया ग्राम पंचायत की घोषपाड़ा निवासी 19 वर्षीया पूजा घोष भी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के दौरान फंस गई है। वह जेफरसन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा है। बेटी के घर नहीं लौटने से अनूप घोष और बर्नाली घोष गहरी चिंता में हैं। पूजा की माँ बर्नाली देवी ने बताया कि 12 दिसंबर, 2021 को उनकी बेटी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गई थी। युद्ध के दौरान उसे एक बंकर में रहना पड़ा था। उस समय वह काफी परेशानी में थी। उसने कहा था कि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है और वह खा-पी नहीं पा रही है। अब वह हंगरी में भारतीय दूतावास में है। फिलहाल वह सुरक्षित है। पूजा देवी ने मांग की कि भारत सरकार सभी बच्चों को जल्द से जल्द सुरक्षित देश वापस लाए। बीजपुर के दो घोष परिवार अपने बेटे और बेटी के लौटने का इंतजार कर रहे हैं।