यूपी से लौटते समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विमान में आई गड़बड़ी पर बंगाल सरकार ने मांगी रिपोर्ट

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विमान के वाराणसी से लौटते समय बीच ‘एयर टरबूलेंस यानी हवा में खराबी के मामले में रिपोर्ट मांगी है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने डीजीसीए से यह भी जानना चाहा कि क्या शुक्रवार शाम को जिस विमान से मुख्यमंत्री वाराणसी से शहर लौटी थीं, उस मार्ग को पूर्व अनुमति दी गई थी?

संपर्क करने पर डीजीसीए के एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट पर काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे सभी मामलों में जांच करते हैं और प्राथमिकता देते हैं जहां वीवीआईपी शामिल हैं। हमने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट तैयार करने पर काम शुरू कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के लिए प्रचार करने पहुंची मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुक्रवार देर शाम कोलकाता लौटीं। शुक्रवार शाम को, वाराणसी हवाईअड्डे से शहर के लिए बनर्जी को ले जा रही चार्टर्ड फ्लाइट ने एयर पॉकेट को टक्कर मार दी, जिससे विमान में जोर का झटका लगा था और तेजी से नीचे आने लगा था। पायलट ने विमान को यहां नेताजी सुभाष चंद्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से उतारने में कामयाबी हासिल की, हालांकि बनर्जी को झटके के कारण पीठ में चोट लग गई है।

बनर्जी डसॉल्ट फाल्कन 2000 में सवार थीं, जो 10.3 टन वजन का हल्का विमान है, जिसमें दो फ्लाइट अटेंडेंट सहित अधिकतम 19 लोगों को ले जाने की क्षमता है। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को मुख्यमंत्री के लिए राज्य सरकार द्वारा किराए पर लिए गए फाल्कन विमान की घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता और वरिष्ठ राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। उड्डयन के दृष्टिकोण से सभी पहलुओं को शामिल करते हुए डीजीसीए द्वारा एक उच्च-स्तरीय जांच होनी चाहिए। केंद्र द्वारा सुरक्षा पहलू से भी एक और जांच होनी चाहिए क्योंकि मुख्यमंत्री जेड श्रेणी की सुरक्षा की हकदार हैं। रॉय ने कहा कि पार्टी यह जानना चाहती है कि मुख्यमंत्री के विमान को पटना से कोलकाता और बागडोगरा से कोलकाता की उड़ान के दौरान इसी तरह की परिस्थितियों का सामना क्यों करना पड़ा था? तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि जांच में इन सभी पहलुओं को भी शामिल किया जाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *