31 साल पहले घाटी में आतंकवादी हमले में वीर गति को प्राप्त हुए आरक्षक प्रदीप कुमार मंडल के स्वजनों को बीएसएफ ने सौंपा बलिदान प्रमाण पत्र

मालदा : आए दिन सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच कोई न कोई मुठभेड़ की घटनाएं सुनने में आती रहती हैं और हर बार जवानों के अदम्य हौसलों के सामने आतंकवादियों के छक्के छूट जाते हैं। परंतु कभी-कभी इन मुठभेड़ में भारत माता के वीर सपूत भी वीरगति को प्राप्त हो जाते है। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रुकुंदीपुर गांव के निवासी व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 107वीं बटालियन में आरक्षक पद पर तैनात प्रदीप कुमार मंडल लगभग 31 साल पहले साल 1991 में बीएसएफ के सामरिक मुख्यालय सौरा, जम्मू में ड्यूटी कर रहे थे तभी ट्रक के पास श्रीनगर के नोहट्टा चौक पर आतंकवादियों द्वारा एम्बुश लगाकर एक ग्रेनेड फेंका गया एवं चारों दिशाओं से गोलीबारी की गई।

इस दुर्घटना में ट्रक चालक, एक सहायक उप-निरीक्षक / लिपिक और आरक्षक प्रदीप कुमार मंडल गोली लगने के कारण घायल हो गए थे। घायल होने के बाद भी प्रदीप आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में अपने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देकर वीरगति को प्राप्त हो गए थे।

वहीं, देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को सलाम करते हुए उनकी शहादत के 31 साल बाद बीएसएफ के मालदा सेक्टर के डीआईजी सुधीर हुड्डा ने सोमवार को बलिदानी के स्वजनों को भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला ‘आपरेशनल कैजुअल्टी सर्टिफिकेट’ (बलिदान प्रमाण पत्र) सौंपा। बीएसएफ के अधिकारियों ने उनकी धर्मपत्नी को यह प्रमाण पत्र सौंपा।

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