कोलकाता : समाजसेवी कमल दुगड़ ने ‘शासनमाता’ श्रद्धेया साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभाजी के महाप्रयाण पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों से तीन आचार्यों के शासनकाल में साध्वी प्रमुखा श्री के तौर पर आध्यात्म जगत को अपने ज्ञान के आलोक से आलोकित कर कुशल प्रशासक, गहन जनसंपर्क, धर्म आराधना, साहित्य लेखन आदि गतिविधियों से भरपूर जैन जीवन के चरमोत्कर्ष को प्राप्त कर अपनी अपार अनगिनत सेवाओं की रश्मियों से जनमानस के जीवन को विशेषकर जैन तेरापंथ धर्म संघ व समाज को आलोकित करने वाली संघ महानिदेशिका साध्वी प्रमुखा श्री शासन माता कनक प्रभा जी के महाप्रयाण पर आज मानवता दुःखी है, आज समाज ने एक ममतामयी माँ को खो दिया। वे एक ऐसा महाकाव्य थीं जिनमें अहिंसा की गूंज और आध्यात्मिकता का समुंदर था।
वे वात्सल्य, विनम्रता, सत्यनिष्ठा , सिद्धांतनिष्ठा, ममता और मानवीय मूल्यों की ऐसी लौ थीं जो जीवन भर धर्म संघ व समाज को संयम, साधना व आध्यात्म के आलोक से आलोकित करती रहीं। दुगड़ ने कहा कि आज भारत का आध्यात्म जगत शोकमग्न है, उसकी एक महान साधिका अनन्त में विलीन हो गयी।
उन्होंने कहा कि वे समाज के लाखों कार्यकर्ताओं की मार्गदर्शिका, ममतामयी माँ को उनके महाप्रयाण पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।