राज्य में ध्यान नहीं है, प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रही हैं ममता बनर्जी : दिलीप घोष

कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कटाक्ष किया। उन्होंने राज्य में चुनावी हिंसा को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि एक महानगर के रूप में, जिलों में शुरू हुई हिंसा और असामाजिक गतिविधियां कुछ अधिक देखी जा रही हैं। राज्य सरकार का कहीं भी कोई नियंत्रण नहीं है। मुख्यमंत्री की भूमिका पर कटाक्ष करते हुए दिलीप घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री का अब राज्य में ध्यान नहीं है और वह प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रही हैं। इसलिए राज्य की जनता को यहां के गुंडों के हवाले कर दिया गया है। दिलीप घोष ने रविवार की सुबह न्यूटाउन इको पार्क में प्रातः भ्रमण के दौरान यह बातें कहीं।

एक ही दिन में दो पार्षदों की हत्या को लेकर उन्होंने कहा कि दो पार्षदों की हत्या की गई है और दिनदहाड़े फायरिंग हुई है। बदमाश खुलेआम घूम रहे है, पकड़े नहीं जा रहे हैं। पकड़े जा रहे हैं, तो एक भी व्यक्ति को सजा नहीं हो रही है। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि अपराधों को रोकने के बजाय पुलिस का काम अब केवल विपक्ष को रोकना है।

बालीगंज से तृणमूल उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो पर हमला बोलते हुए दिलीप घोष ने कहा कि मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्होंने अभी-अभी टोपी पहनी है, वह लुंगी कब पहनने वाले हैं? ये लोग कपड़े की तरह पार्टी बदलते हैं। वह नैतिक रूप से हार चुके हैं, अब वे हाथ-पैर पकड़ कर मंत्री बनने की कोशिश कर रहे हैं।

दिलीप ने राज्य के चुनावी माहौल को लेकर कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव स्वतंत्र और शांतिपूर्ण होना अकल्पनीय है। एक के बाद एक चुनाव हो रहे हैं, हम देखते हैं कि पुलिस चोरों को ना रोक कर विपक्ष को रोकने में लगी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल अपनी ताक़त के बल पर वोट कराने के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रहा है।

इसके अलावा रानाघाट के सांसद जगन्नाथ सरकार पर हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि दो दिन पहले हमारे जिलाध्यक्ष कल्याण चौबे पर हमला हुआ था। कल जगन्नाथ सरकार पर हमला हुआ। बदमाश खुलेआम घूम रहे हैं, गोलियां चलाते हैं। दिलीप घोष ने कहा कि राज्य सरकार मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा में कमी नहीं रखती है। लेकिन आम आदमी को बचाने में सरकार की भूमिका मूकदर्शक बनी रहती है। ममता बनर्जी का अपने राज्य पर ध्यान नहीं है लेकिन वे प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रही हैं।

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